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डिजिटल हाउस अरेस्ट स्कैमः करोड़ो की धोखाधड़ी करने वाला गिरफ्तार

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देहरादून। डिजिटल हाउस अरेस्ट स्कैम के माध्यम से करोड़ो की धोखाधड़ी करने वाले एक शातिर को एसटीएफ की साइबर क्राइम पुलिस द्वारा भिलाई (दुर्ग), छत्तीसगढ से गिरफ्तार कर लिया गया है। इस स्कैम का खुलासा हरिद्वार स्थित एक प्राइवेट कम्पनी में कार्यरत पंजाब निवासी एक पीडित को साइबर ठगों द्वारा डिजिटल हाउस अरेस्ट के मामले में हुआ है। आरोपी के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों मे 45 से अधिक शिकायतें दर्ज है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ, नवनीत सिंह द्वारा बताया गया कि हरिद्वार की एक कम्पनी में कार्यरत पंजाब निवासी एक पीडित द्वारा कुछ दिन पूर्व साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून में शिकायत दर्ज करायी गयी थी कि बीती 24 अगस्त को उसके मोबाइल पर एक कॉल आयी कि आपका एक पार्सल हे जो मुम्बई से ईरान के लिये भेजा गया था, उक्त पार्सल पर आपका नाम, मोबाइल नम्बर व ईमेल आईडी अंकित है और उस पार्सल में कुछ अवैध दस्तावेज व ड्रग्स एमडीएमए है, इसके विरुद्ध मुम्बई में मुकदमा दर्ज हो चुका है और यह बताकर कि आप मुम्बई क्राईम ब्रान्च से पीसीसी लीजिये कॉल को मुम्बई क्राईम ब्रान्च कनैक्ट कर दी गई। फिर मुम्बई क्राईम ब्रान्च द्वारा पार्सल के बारे में जानकारी ली गयी और बताया कि आपका आधार कार्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में कई बार इस्तेमाल हो चुका है तथा इस मामले में व्यक्तिगत रुप से अथवा ऑनलाइन माध्यम से बयान दर्ज कराने को कहा गया। जिस पर उसके द्वारा ऑनलाइन बयान कराना स्वीकार किया गया तो उनके द्वारा बताया कि स्काईप एप्प बयान दर्ज करवाने का अधिकारिक माध्यम है और स्काईप एप्प डाउनलोड करवा एंव कनैक्ट कर वीडियो कॉल शुरु की गयी और बातचीत में पुलिस आईडी कार्ड भेजा गया। इस दौरान दरवाजा बन्द रखने व किसी से भी बात करने से मना किया गया। इसके बाद उसके सभी बैंक खातों की जानकारी प्राप्त कर खातों में अनियमितता पायी जाना बताकर इस प्रकरण में आरबीआई को भी शामिल करने की बात कहते हुये सारा पैसा वैरिफिकेशन हेतु बताये गये खाते में ट्रांसफर करने को बताया गया कि जाँच के बाद आपका सारा पैसा आपके खाते में वापस कर दिया जायेगा। उनके बताये अनुसार पैसा ट्रांसफर करने के बाद उनके द्वारा और अधिक रुपये ट्रांसफर करने को कहने पर जब वह असमर्थ रहा तो ये लोग भड़क गये और धमकाने लगे। इसके बाद ही उसे अहसास हुआ कि उसके साथ 43 लाख रुपये की ठगी हो चुकी है। मामले की गम्भीरता को देखते हुए साइबर क्राइम पुलिस ने जांच शुरू कर दी गयी। साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/मोबाइल नम्बरों आदि की जांच की गयी तो घटना में शामिल मुख्य आरोपी को चिन्ह्ति किया गया एवं कई स्थानों पर दबिश दी गयी और आखिरकार साईबर पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से मुख्य आरोपी मोनू (काल्पनिक नाम)को जिला भिलाई (दुर्ग), छत्तीसगढ क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया जिसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त बैंक खाते का एसएमएस अलर्ट सिम सहित एक मोबाइल हैण्डसेट व एक 16 जीबी सैनडिस्क बरामद हुआ। इसमें 1.27 करोड़ का संदिग्ध लेनदेन पाया गया है।

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