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‘अध्यादेश’ लगाएगा विधायकों की ‘मनमानी’ पर रोक, कोविड फण्ड के लिए विधायकों के वेतन-भत्तों से होगी एक समान कटौती

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देहरादून। मंत्री, विधायकों के वेतन समेत दो भत्तों से सालभर कटौती कर कोविड फंड में देने संबंधी कैबिनेट के निर्णय के अनुपालन करवाने के लिए सरकार जल्द ही एक अध्यादेश लाएगी। सरकार ने यह निर्णय तब लिया है जब खुद सत्ताधारी दल के अधिकांश विधायकों ने इस सम्बंध में पूर्व में कैबिनेट में हुए निर्णय को दरकिनार कर दिया। कांग्रेस के नेता व केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने आइटीआई के जरिए इस भाजपा विधायकों की इस मामले में मनमानी की खुलासा किया था।

   उत्तराखंड में कोरोना वायरस से जंग के लिए 2 महीने पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कैबिनेट ने प्रदेश के सभी मंत्री और विधायकों के वेतन-भत्तों में 30 फीसदी कटौती का फैसला किया था। कोरोना महामारी से जंग के लिए बड़े जोर-शोर से इसका ऐलान किया गया था लेकिन विपक्ष तो छोड़िए सत्ताधारी दल भाजपा के विधायकों ने ही अपनी सरकार के इस फैसले की हवा निकाल दी। कैबिनेट के वेतन भत्तों में कटौती सम्बंधी इस फैसले का भाजपा के कुल 58 (एंग्लो इंडियन विधायक समेत) में से सिर्फ 13 विधायकों ने ही अक्षरश: पालन किया। बाकी ने फैसले का पूर्णतया पालन नहीं किया। वेतन भत्तों में कटौती को लेकर अपनी मनमर्जी से सहमति प्रदान की। इस मामले में विपक्ष ने सरकार को जबरदस्त घेराबंदी की है। केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने आरटीआई के जरिए सम्बंधी दस्तावेजों को सार्वजनकि कर सरकार के नाक में दम कर दिया। अब सरकार का कहना है कि सभी विधायकों के वेतन व भत्तों से 30 फीसदी कटौती की जा सके इसके लिए सरकार जल्द ही अध्यादेश जाएगी। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि अध्सदेश जल्द ही लाया जाएगा।  

—‘Ordinance’ to impose ban on MLAs ‘arbitrary’; now a similar deduction will be made from the salary and allowances of MLAs for Kovid Fund

 

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