
देहरादून। किसी भी राजनैतिक पार्टी के संगठन में प्रवक्ता का पद सबसे अहम माना जाता है। कहा जाता है कि प्रवक्ता राजनैतिक दल का चेहरा होते हैं जो समय-समय पर पार्टी का पक्ष, राय और स्टैंड जनता के सामने रखते हैं। लेकिन उत्तराखण्ड की प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) पिछले छह माह से बगैर प्रवक्ता काम कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने अभी तक पीसीसी में एक भी प्रवक्ता की नियुक्ति नहीं की है।
वर्ष 2017 में मई माह में कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश संगठन की बागडोर चकराता विधायक प्रीतम सिंह को सौंपी थी। अध्यक्ष बनने के बाद ढाई वर्ष तक प्रीतम सिंह प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नई टीम घोषित नहीं कर सके। जब उनकी निर्णय लेने की क्षमता पर सवाल खड़े होने लगे तो 17 दिसंबर 2019 को उन्होंने पुरानी कार्यकारिणी को भंग कर दिया। इसके बाद 25 जनवरी को उन्होंने नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी की घोषणा की। 242 सदस्यीय जंबो कार्यकारिणी में 22 उपाध्यक्ष, 31 महामंत्री, एक कोषाध्यक्ष, 98 सचिव और 90 विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं लेकिन इसमें आश्चर्यजनक तरीके से प्रवक्ता पद की जिम्मेदारी किसी को नहीं सौंपी गई। आज तक भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी में एक भी प्रवक्ता नियुक्त नहीं किया गया है। उत्तराखण्ड कांग्रेस के इतिहास में यह पहला मौका है जब प्रदेश अध्यक्ष की टीम बगैर प्रवक्ता काम कर रही है। राज्य गठन के बाद पहली बार वर्ष 2002 में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हरीश रावत ने पीसीसी का गठन कर उसमें 8 कांग्रेसियों को प्रवक्ता नियुक्त किया था जिनमें 4 गढ़वाल और 4 कुमाऊं मण्डल से थे। उनके बाद के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य ने अपले 2008 और फिर 2011 में पीसीसी गठित की। उन्होंने अपनी पहले वाली टीम में 6 और बाद वाली में 8 प्रवक्ता नियुक्त किये। आर्य के बाद किशोर उपाध्याय को प्रदेश कांग्रेस की कमान मिली तो उन्होंने नया प्रयोक करते हुये अपनी नई टीम बनाते वक्त कुल 12 लोगों को प्रवक्ता की जिम्मेदारी सौंपी जो अलग-अलग जिलों से थे। मकसद था कि प्रदेश के हर जिले से कांग्रेस की आवाज सुनाई दे। इधर, प्रीतम का अपनी टीम में प्रवक्ता नियुक्त न करना खुद कांग्रेसजनों का अखर रहा है।
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प्रदेश कांग्रेस की मीडिया कमेटी का भी गठन नहीं
देहरादून। मौजूदा समय में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मीडिया कमेटी भी वजूद में नहीं है। होता यह है कि प्रवक्ताओं के समूह से ही मीडिया कमेटी गठित की जाती है, जिसमें मुख्य प्रवक्ता, उप मुख्य प्रवक्ता और प्रवक्ता बनाये जाते हैं जो समय-समय पर पार्टी का पक्ष और कार्यक्रम मीडिया के सामने रखते हैं।