देहरादून में सर्किट बेंच बनाने से चीफ जस्टिस कोर्ट का इनकार

देहरादून. उत्तराखण्ड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने नैनीताल से देहरादून में सर्किट बेंच (Circuit Bench) ले जाने पर ब्रेक लगा दिया है. देहरादून के आस पास हाईकोर्ट की सर्किट बेंच ले जाने वाली याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. चीफ जस्टिस कोर्ट (Chief Justice Court) ने कहा कि वो इसमें ज्यूडिशियल ऑर्डर नहीं दे सकते हैं. अगर याचिकाकर्ता चाहे तो वो प्रशासनिक स्तर पर अपना प्रत्यावेदन दे सकता है. उस पर अगर विचार होने योग्य है तो ये आदेश उसमें आड़े नहीं आयेगा.
आपको बता दें कि हरिद्वार जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ता ममदेश शर्मा ने जनहित याचिका दाखिल कर कहा था कि उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 26 T में प्रावधान है कि राज्य के चीफ जस्टिस चाहे तो राज्यपाल की सहमति से हाईकोर्ट की सर्किट बेंच को राज्य के किसी भी स्थान पर ले जाया जा सकता है. याचिका में कहा गया था कि 70 प्रतिशत केश देहरादून व हरिद्वार जिले के हैं. इस लिये एक सर्किट बेंच देहरादून के आस पास हों. याचिका में कहा गया था कि 70 प्रतिशत जनता को यूपी के रास्तों पर होकर आना पड़ता है और राज्य के अधिकारियों को भी देहरादून से नैनीताल इन्ही रास्तों से आना होता है, जिससे सरकार पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है. इसका असर सुनवाई पर भी पड़ता है.
हाईकोर्ट की शिफ्टिंग को लेकर होती रही हैं अब तक चर्चाएं
दरअसल, पिछले साल से नैनीताल हाईकोर्ट को शिफ्ट करने को लेकर चर्चा आम हो गई है. इसके लिये हाईकोर्ट ने अधिवक्ता एमसी काण्डपाल के पत्र को आॉन लाइन सर्वे किया गया था जिसमें राज्य के लोगों ने अपनी राय रखी जरुर मगर वो भी काफी कम ही मिल सकी थी.