देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अयोध्या में हुए श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन का टेलीविजन पर सीधा प्रसारण देखा। इस दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मन्दिर बने, हजारों लोगों ने इसके लिए बलिदान दिया। आज उन हजारों लोगों का संघर्ष स्वरूप ले रहा है। उन्होंने मंदिर आन्दोलन से जुड़ा अपना संस्मरण साझा करते हुए कहा कि श्रीराम मन्दिर के निर्माण के लिए जब 1989 में आन्दोलन चल रहा था, तब वे मेरठ में थे। भेष बदलकर हमने इस आन्दोलन में भाग लिया था। हमारे साथ हजारों लोगों ने इस आन्दोलन में भाग लिया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में श्रीराम मन्दिर का भूमि पूजन एवं शिलान्यास कर ऐतिहासिक कार्य किया है। कई वर्षों के संघर्ष के बाद आज यह स्वर्णिम अवसर आया है। देश और अयोध्या में सैकड़ों परिवार ऐसे हैं, जो काफी समय से अखण्ड रामायण का पाठ एवं रामधुन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1989 में जब अयोध्या में श्रीराम मन्दिर के निर्माण के लिए आन्दोलन बहुत तीव्र हुआ था, सब लोग श्रीराम मन्दिर निर्माण के लिए जागरण करते थे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 1989 में जब श्रीराम मन्दिर के लिए आन्दोलन चल रहा था, तब लोगों से श्रीराम मन्दिर निर्माण के लिए सवा रूपये एकत्रित किये जाते थे, कि श्रीराम मन्दिर के निर्माण के लिए एक पत्थर आपके नाम का भी लग जायेगा। उत्तरकाशी के दूरस्थ गांव लिवाड़ी-खिताड़ी 18 किमी पैदल चलकर लोग श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए वहां से शिला लाये। श्रीराम मन्दिर के भूमि पूजन से ऐसे लोगों की आत्मा को शांति मिलेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उनकी उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता हुई। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र जल्द ही अयोध्या जाकर भगवान श्रीराम के दर्शन करेंगे। अयोध्या में जो श्रीराम मन्दिर बनेगा उसका स्वरूप भी देखकर आयेंगे।
— Chief Minister Trivendra Singh Rawat changed his disguise and gave speed to the Ram temple movement in Meerut