उत्तराखण्ड

लोक कलाकार नवीन सेमवाल की निधन

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देहरादून। मेरी बामणी गीत से प्रसिद्ध हुए मशहूर लोक कलाकार और गायक नवीन सेमवाल का निधन हो गया है। मंगलवार सुबह 6.30 बजे देहरादून के हिमालयन अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। नवीन सेमवाल टीबी की बीमारी से ग्रसित थे. 12 जून को नवीन सेमवाल हिमालयन अस्पताल में भर्ती हुए थे। उनके निधन पर लोक संस्कृति से जुड़े कलाकारों एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने शोक संवेदना व्यक्त की है। नवीन सेमवाल के निधन को लोक संस्कृति के लिए अपूर्णीय क्षति बताया है।
लोक गायक नवीन सेमवाल मूल रूप से रुद्रप्रयाग के फाटा गांव के रहने वाले थे। हालांकि, इन दिनों वह अपने परिवार के साथ रुद्रप्रयाग के बेलनी गांव में रहते थे। नवीन सेमवाल मेरी बामणी गीत से काफी मशहूर हुए थे। उनका यह गीत बुजुर्ग से लेकर युवाओं की जुबां पर आए दिन रहता है। इस गीत के बाद से उत्तराखंड में उनकी एक अलग पहचान बन गई थी। इसके अलावा उन्होंने बामणी टू, संजू का बाबा, ओ रे स्वीटी, पांगरी का मेला, गंगाराम, फागुणै फुलार सहित कई गीत गाए और एक्टिंग की. इसके अलावा उन्होंने लघु फिल्मों में हास्य कलाकार के रूप में भी काम किया।
वीन सेमवाल ने भूत नचौ, ऑनलाइन पढ़ै, मंगतु परदेशी, बौण मा चखल पखल, लॉकडाउन मा कारोबार आदि लघु फिल्मों में काम किया। वे अपने पीछे पत्नी और तीन बच्चों का हंसका-खुशी परिवार छोड़ गए हैं। उनके निधन पर गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत, रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी, केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत, समाजसेवी बबलू जंगली, लोक गायक कुलदीप कपरवान, किशन महिपाल, विक्रम कपरवान, कोरियोग्राफर अंकुश सकलानी समेत कई सामाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया है।

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