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हवाई सेवा : जनता की ‘फिरकी’ ले रही सरकार

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देहरादून। सरकार की राज्य के भीतर शुरू की गईं हवाई सेवाएं कागजी साबित हो रही हैं। मुख्यमंत्री पहले जिन हवाई सेवाओं का उद्घाटन कर चुके हैं उन्हें देखकर तो यही कहा जा सकता है कि राज्य के भीतर हवाई सेवाएं धरातल पर सफल नहीं हो पा रही हैं फिर भी सरकार का जोर एक के बाद एक नई हवाई सेवाओं की लॉचिंग पर है।

 7 फरवरी 2020 को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देहरादून सहस्रधारा से गौचर और चिन्यालीसौड़ के लिए उड़ान योजना के तहत नियमित हवाई सेवा का उद्घाटन किया था। उस वक्त कहा गया था कि इन दोनों स्थान के लिए देहरादून से ये सीधी सेवाएं रोजाना दो बार चलेंगी। पांच माह बाद मौजूदा समय में इन दोनों हवाई सेवाओं का कोई अता-पता नहीं है। अब आज बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एक बार फिर देहरादून से टिहरी-श्रीनगर होते हुए गौचर के लिए नई हवाई सेवा का उद्घाटन किया है। इस सेवा के जरिए यात्री देहरादून से टिहरी और फिर श्रीनगर होते हुए गौचर पहुंचेंगे। इसी निर्धारित मार्ग से ही यह हवाई सेवा वापस देहरादून लौटेगी। गौर करने वाली बात यह है कि 7 फरवरी को लॉच की गई देहरादून से गौचर हवाई सेवा का प्रति यात्री 4120 रुपया किराया निर्धारित किया गया था। जो सेवा आज लॉच हुई है उसमें देहरादून से गौचर जाने वाले यात्री को देहरादून से टिहरी का 2903 रुपया, टिहरी से श्रीनगर का 2903 रुपया और फिर श्रीनगर से गौचर का 2903 रुपया यानि कुल 8709 रुपया किराया चुकाना होगा। वो भी तब जबकि पहले लांच हुई हवाई सेवा में वह 40 मिनट में देहरादून से गौचर पहुंच सकता था अब वह यही दूरी 2 घण्टा 40 मिनट में पूरी करेगा। देहरादून से गौचर के लिए प्रति यात्री 4120 रुपया किराया ज्यादा माना जा रहा था। एक और बात गौर करने के काबिल है कि पहले लॉच की गई सेवा का क्या हुआ। यदि वह सेवा कोरोना संक्रमण से प्रभावित हुई है तो नई सेवा को घुमाकर क्यों लॉच किया जा रहा है। इस बारे में यूकाडा का कोई अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। राज्य के भीतर शुरू की गईं अन्य हवाई सेवाओं का भी यही हाल है।  

—-Air service: Government taking ‘spin’ to public.

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