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10 डेज : धामी में ‘धमक’ दिखी, ‘चमक’ भी

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“लीक पर वें चलें जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो जो हमारी यात्रा से बने ऐसे अनिर्मित पन्थ प्यारे हैं” किसी कवि की ये पंक्तियां उत्तराखण्ड के नये नवेले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर सटीक बैठती हैं। अब तक के अपने महज 10 दिन के कामकाज से उन्होंने साबित कर दिया है कि वे पुरानी लीक पर चलने वाले मुख्यमंत्री नहीं बल्कि खुद की नई लीक बनाने का दमखम रखते हैं। मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद यूं तो धामी ने कई दमदार फैसले लिये (बड़े विभागों की जिम्मेदारी खुद के बजाए सहयोगी मंत्रियों के सौंपना, विवादित मुख्य सचिव ओमप्रकाश से पद छीनना, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात के साथ ही न्यूज चैनलों में इण्टरव्यू के दौरान पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी बात रखना, आदि)। लेकिन इन सबसे हटकर कांवड़ यात्रा स्थगित रखने का उनका फैसला काबिल-ए-तारीफ ही नहीं बल्कि साहसिक भी है। साहस भरा इसलिए क्योंकि जब उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्य 25 जुलाई से कांकड़ यात्रा को मंजूरी दे चुके हों तो उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री के लिए इस यात्रा को स्थगित करना आसान नहीं था। वो भी तक जबकि उत्तर प्रदेश और हरियाणा दोनों प्रदेशों में भी भाजपा की सरकार हैं। ऊपर से वहां योगी आदित्यनाथ और मनोहर लाल खट्टर जैसे प्रभावशाली नेता मुख्यमंत्री हैं। हरियाणा तो थोड़ा दूर का प्रदेश है पर उत्तर प्रदेश से उत्तराखण्ड की सियासत काफी प्रभावित दिखती है। सियासत ही नहीं राजकाज पर असर देखने को मिलता है। वर्ष 2017 के बाद उत्तराखण्ड में कई नीतिगत व राजनैतिक फैसले मातृ प्रदेश या यूं कहें कि योगी पर आश्रित दिखे। तमाम निर्णयों को लागू करने में योगी की देखा सीखी की गई। खासकर कोरोनाकाल में लॉकडाउन के दौरान। हर बार योगी का सियासी कद और आभामण्डल उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्रियों से ऊंचा नजर आया। अब युवा मुख्यमंत्री पुष्कार सिंह धामी नई लीक पर चलते दिख रहे हैं। यह बात इसलिए कही जा सकती है क्योंकि योगी ने आगामी 25 जुलाई से पूरे उत्साह के साथ कांवड़ यात्रा शुरू करने का ऐलान किया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि श्रावण मास के बीच प्रदेश के अलग-अलग जिलों व मार्गों से होकर गुजरने वाली कावंड़यात्रा के शिवभक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए। इसके लिए शिव मंदिरों, शिवालयों, देव मंदिरों, यात्रा मार्गों सहित ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कावंड़ यात्रा के बीच शिव भक्तों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए सभी यात्रा मार्गों पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की जाए। इतना ही नहीं, शिवालयों और शिव मंदिरों में भी प्रकाश की व्यवस्था करने के साथ अन्य सभी जरूरी व्यवस्थाएं भी की जाएं। इधर, कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश में इस कदर की जा रही भव्य तैयारियों के बीच पुष्कर सिंह धामी जैसे नये नवेले सीएम के लिए उत्तराखण्ड में यात्रा को स्थगित करना आसान नहीं था। उन्होंने हिम्मत दिखाई और जनस्वास्थ्य व जनहित को सर्वोपरि रखा। धामी के इस निर्णय की जितनी भी सराहना की जाए वो कम है।

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