उत्तराखण्ड

धर्मनगरी में चारों ओर शिवभक्तों का सैलाब

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हरिद्वार। सावन माह का सबसे प्रमुख धार्मिक उत्सव कावड़ यात्रा अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। कांवड़ यात्रा के सबसे पीक चरण में पहुंचने पर प्रशासन की चुनौतियां भी बढ़ गई है। डाक कावड़ों का शनिवार से हरिद्वार में पहुंचना शुरू हो गया है। पैदल कांवड़ियों की भारी भीड़ इस समय कावड़ यात्रा में उमड़ रही है। ऐसे में कानून व्यवस्था को बनाए रखना और भी मुश्किल हो जाता है। आज दोपहर 2 बजे तक लगभग डेढ़ करोड़ से अधिक कांवड़ियों के जल भरकर रवाना होने की खबर है।
डाक कांवड़ के शुरू होने के समय हरिद्वार में कांवड़ियों का सबसे अधिक दबाव होता है तथा सभी मार्गों को कांवड़ियों के लिए खोल दिया जाता है। हाईवे से लेकर पैदल पटरी मार्गो तक सिर्फ कांवड़िये ही कांवड़िये दिखाई देते हैं। कावड़ यात्रा के दौरान यह पड़ाव सबसे अधिक मुश्किल भरा रहता है एक तरफ जहां पैदल कांवड़ियों का दबाव अधिक रहता है तो वही डाक कांवड़ियों के आने से कांवड़ियों की संख्या में भारी वृद्धि हो जाती है। आने वाले 2 दिन अधिक भीड़भाड़ वाले रहने वाले हैं।
क्राउड कंट्रोल इस दौरान प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती हो जाता है भक्ति में मगन कांवड़िये अपनी ही धुन में नाचते गाते दिखाई देते हैं और श्रद्धालुओं की भीड़ का यह रेला जिधर भी चल पड़ता है उधर चल पड़ता है। उसे रोकना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता है भले ही प्रशासन पार्किंग से लेकर आनेकृजाने के सभी रूट पहले से ही तय कर देता हैं लेकिन भीड़ के आगे व्यवस्था चंद मिनटों में ही ध्वस्त हो जाती है। प्रशासन इस भीड़ को कंट्रोल करने में असमर्थ रहता है। यही कारण है कि उसके पसीने छूट जाते हैं। 22 जुलाई की शाम तक हरिद्वार में कांवड़ियों की भारी भीड़ रहेगी जिसे संभालना एक गंभीर चुनौती होगा।

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