राजकाज

सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड के अध्यक्ष पद से हरक को हटाने के बाद अब सचिव पद से दमयंती की भी छुट्टी

ख़बर शेयर करें

देहरादून। उत्तराखंड भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से हरक सिंह रावत को हटाने के बाद अब बोर्ड के अपर कार्याधिकारी पद पर तैनात उनकी करीबी अधिकारी दमयंती रावत की भी छुट्टी हो गई है। बोर्ड के नए अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल ने इसकी पुष्टि की है। हाल ही में शासन ने बोर्ड का पुर्नगठन किया था। इस दौरान शासन ने श्रम मंत्री हरक सिंह रावत को अध्यक्ष पद से हटाकर शमशेर सिंह सत्याल को जिम्मेदारी सौंपी थी।  वहीं पद से हटाए जाने के बाद से ही नाराज चल रहे मंत्री हरक सिंह रावत और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की भी आज सचिवालय में मुलाकात हुई। इस दौरान उनके बीच केवल विभागीय काम काज को लेकर चर्चा हुई।

उत्तराखंड भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से हरक सिंह रावत को हटाने के बाद अब बोर्ड के अपर कार्याधिकारी पद पर तैनात उनकी करीबी अधिकारी दमयंती रावत को भी चलता कर दिया गया है। दमयंती रावत को उनके मूल विभाग शिक्षा में वापस भेजा गया है। शिक्षा विभाग में पहले से ही उनके खिलाफ जांच भी लंबित बताई जा रही है। सरकार ने सख्त रुख जारी रखते हुए बोर्ड के अपर कार्याधिकारी (कामचलाऊ सचिव) के पद से दमयंती रावत को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। इस संबंध में बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। आदेश में कहा गया कि बोर्ड का पुनर्गठन होने के फलस्वरूप दमयंती रावत को पदमुक्त किया गया है। श्रम मंत्री की वजह से ही उन्हें श्रम महकमे में बोर्ड में 27 दिसंबर, 2017 को प्रतिनियुक्ति दी गई थी। बोर्ड का तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद इसका पुनर्गठन किया गया है। पुनर्गठन के बाद पहले अध्यक्ष और फिर अपर कार्याधिकारी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इस मामले के और तूल पकडऩे का अंदेशा भी गहरा गया है। आदेश में दमयंती रावत को मूल शिक्षा विभाग में पहले की स्थिति के अनुसार योगदान देने को कहा गया है। दमयंती रावत उक्त प्रतिनियुक्ति से पहले शिक्षा विभाग में खंड शिक्षा अधिकारी के पर तैनात थीं। उन्हें इसी पद पर पिथौरागढ़ स्थानांतरित किया गया था। तैनाती स्थल पर लंबे समय तक कार्यभार ग्रहण नहीं करने की वजह से उनके खिलाफ महकमे में जांच लंबित है। शिक्षा महकमे की चर्चित अधिकारी रहीं दमयंती रावत लंबे समय तक तैनाती स्थल से गैर हाजिर रह चुकी हैं। पिथौरागढ़ जिले में तैनाती के आदेश का उल्लंघन करने के मामले में वर्ष 2018 में उनके खिलाफ जांच का जिम्मा सरकार ने अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक सीमा जौनसारी को सौंपा था। इसी वजह से शिक्षा विभाग ने भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में अपर कार्याधिकारी (एईओ) के रूप में प्रतिनियुक्ति के लिए उन्हें पहले अनापत्ति नहीं दी थी। बताया गया कि बाद में श्रम मंत्री की वजह से ही उन्हें अनापत्ति मिल पाई थी। दरअसल दमयंती रावत एक साल से ज्यादा अरसे तक बगैर बताए गैर हाजिर रहीं थीं। इस सिलसिले में विभाग की ओर से उन्हें आरोप पत्र दिया गया था। विभाग में उनकी वापसी के साथ पुरानी पत्रावली फिर खुलने के आसार हैं।

Related Articles

Back to top button