उत्तराखण्ड

केदारनाथ आपदा के दस साल बाद फिर से बारिश का तांडव

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रुद्रप्रयाग। वर्ष 2013 के समय केदारनाथ धाम में आई खतरनाक आपदा के दस साल बाद फिर से केदारनाथ पैदल मार्ग में आई त्रासदी ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है। बुधवार की रात आई त्रासदी के बाद से केदारनाथ धाम में मौसम पल-पल में बदल रहा है, जिस कारण चिनूक हेलीकॉप्टर के साथ ही एमआई 17 को कई बार उड़ान भरने में समस्या आ रही है। हालांकि बिगड़ते मौसम के बीच एमआई 17 और चिनूक के जवान अपनी जिम्मेदारियांे का तत्परता के साथ निर्वहन कर रहे हैं। इस सबके बीच जिला प्रशासन ने केदारनाथ धाम जाने के लिए पुराने मार्ग गरूड़चट्टी का सहारा लिया है।
केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग के भीमबली, लिनचोली व चीरबासा से अब तक 3347 श्रद्धालुओं को एयरलिफ्ट किया जा चुका है, जबकि पैदल चलकर 7,597 के साथ 708 यात्री चौमासी से भी आए हैं। इसके अलावा मौसम साफ होने पर चिनूक ने दो चक्कर लगाकर 65 यात्रियों को केदारनाथ धाम से निकाला, जबकि चारधाम हेलीपैड गुप्तकाशी से चल रहे एमआई 17 ने भी सैकड़ों तीर्थयात्रियों को केदारनाथ धाम से लाने का कार्य किया। केदारनाथ पैदल मार्ग में बीते 31 अगस्त की रात को जगह-जगह त्रासदी आई। रात के अंधेरे में आई त्रासदी के बाद राज्य से लेकर केन्द्र सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी। इन पांच दिनों में साढ़े 11 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं की जान को बचाया गया है, जबकि जो लोग लापता चल रहे हैं, इनकी ढूंढ़खोज जारी है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और डीडीआरएफ के जवानों के साथ पुलिस भी मुस्तैदी से जुटी हुई है। तीर्थयात्रियों को रहने-खाने से लेकर स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाने तक पुलिस जवानों डयूटी सौंपी गई है तो केदारनाथ राजमार्ग के बंद होने पर वे राजमार्ग खुलवाने को लेकर तत्पर नजर आ रहे हैं। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ जवान जंगलों की खाक छानकर तीर्थयात्रियों को ढूंढकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा आर्मी के जवान भी सोनप्रयाग में राजमार्ग को दुरूस्त करने के साथ ही मंदाकिनी नदी में वैकल्पिक रास्ता बना चुके हैं। इससे तीर्थयात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों को आवागमन करने में सहूलियत हो रही है। शासन और प्रशासन स्तर से रेस्क्यू कार्य में तेजी होने से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की जान को बचाया जा सका है। इसके साथ ही जो लोग लापता चल रहे हैं, उनकी ढूंढखोज को लेकर खोजी डॉग भी रेस्क्यू अभियान में जुटे हुए हैं।

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