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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड को केंद्र से मिली एक और संजीवनी

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देहरादून। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की संयुक्त पहल पर राजमार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं में घायल होने वाले मरीजों का आयुष्मान के अंतर्गत सूचीबद्ध अस्पतालों में 1.50 लाख तक का तत्काल कैशलेस उपचार किया जाएगा। उत्तराखंड में आज यह व्यवस्था लागू कर दी गई है।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत ने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सहयोग से शुरू होने वाली इस योजना को धरातल पर उतराने के लिए सभी तैयारियों को अमली जामा पहनाने के बाद प्रदेश में शुरू कर दिया गया है। इसके तहत सड़क हादसे में घायल को तत्काल 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस उपचार प्रदान करना है। सड़क दुर्घटना के मरीज को स्थिर करने के लिए अधिकतम 7 दिनों की अवधि के लिए प्रति व्यक्ति 1,50,000 रु. कैशलेस योजना है। कहा कि सड़क हादसों की दृष्ठि से हमारा प्रदेश बहुत ही संवेदनशील है। यह व्यवस्था घायलों की बहुत मददगार साबित होगी। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा आनन्द श्रीवास्तव ने बताया कि उक्त व्यवस्था के तहत घायल की अस्पताल में ई-डीएआर यानी डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट जनरेट होगी। और उसी आईडी से उपचार शुरू हो जाएगा। इस सुविधा के लिए मरीज के पास आयुष्मान या किसी अन्य योजना का कार्ड होना भी अनिवार्य नहीं है।

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