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मुख्यमंत्री के फैसले से खिले गन्ना किसानों के चेहरे

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देहरादून। कहते हैं जब बदन पर कपड़ों के चीथड़े बनते हैं तब जाकर खेतों में फसल लहलहाती है। लेकिन हासिल के नाम पर कई बार किसान ठगे से जाते हैं। उत्तराखंड में भी गन्ना किसानों का करोड़ों का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया था। लेकिन अब एक अच्छी खबर आई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने इन गन्ना किसानों की परेशानी को समझते हुए अवशेष भुगतान के लिए ₹193.24 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी है। इससे किसानों के मुरझाए चेहरों पर रौनक लौट आई है। कुछ दिवस पूर्व प्रशासन ने जानकारी दी कि चीनी मिलों ने पेराई सत्र 2019-20 में गन्ना किसानों का अवशेष भुगतान शेष है। अवशेष भुगतान ना होने की स्थिति में गन्ना किसानों की परेशानियों को समझते हुए गत दिवस मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी ने प्रदेश के गन्ना किसानों को अवशेष गन्ना मूल्य के भुगतान हेतु ₹193.24 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी है। इससे गन्ना किसानों की समस्या का समाधान हो गया है। इस धनराशि के स्वीकृत होने से किसानों को उनके अवशेष गन्ना मूल्य का भुगतान हो जायेगा। चीनी मिलों द्वारा गन्ना कृषकों के अवशेष गन्ना मूल्य का भुगतान न होने से उपजी दिक्कतों को किसानों, किसान प्रतिनिधियों एवं कृषक संगठनों ने अपने अपने स्तर से उठाया। और मुख्यमंत्री ने किसानों के व्यापक हित में यह धनराशि स्वीकृत की है।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना किसानों को समय पर उनकी उपज का भुगतान हो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने चीनी मिलों के सुधारीकरण तथा गन्ना किसानों की समस्याओं के त्वरित समाधान की दिशा में भी प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये हैं। अवशेष राशि जारी करते हुए सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि हमारा उद्देश्य किसानों की हितो की रक्षा करना है। किसानो के हित को ध्यान में रखते हुए प्रभावी योजना अमल में लायी जाए। इस दिशा में विचार किया जाए कि गन्ना उत्पादन से किसानों की आय कैसे बढ़ायी जाय।

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