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बेटी ने दी पिता को मुखाग्नि

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देहरादून। जिस पिता के कंधों पर बेटी खेलकर बड़ी हुई थी, उसी पिता की अर्थी को उसने कंधा भी दिया और मुखाग्नि देकर अपना फर्ज निभाया। बेटी को पिता को मुखाग्नि देता देख लोगों की आंखे नम हो गईं। आम तौर पर पुरुष प्रधान समाज में बेटा ही अर्थी को कंधा देता है, लेकिन इस परंपरा को तोड़ते हुए आज डाकरा, गांधी ग्राम की बेटी दिव्या ने अपने पिता अजय खत्री के निधन पर अंतिम क्रिया कर्म के सभी संस्कार पूरे किए। डाकरा गाध्ंाी ग्राम निवासी अजय खत्री (60) का विगत दिवस देहांत हो गया। वे पिछले माह अपने जॉब से रिटायर्ड हुए थे। उनकी पत्नी अनिता खत्री एक प्राईवेट स्कूल में टीचर हैं। परिजनों ने बताया कि उनका दो साल से डायलिसिस चल रहा था। परिवार में उनकी एक ही बेटी हैं जिन्होंने अपने पिता को मुखाग्नि दी।

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