उत्तराखण्ड

बनभूलपुरा में 4.5 हजार से अधिक परिवारों को उजाड़ने की कार्रवाई का कांग्रेस ने किया विरोध

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देहरादून। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव काजी निजामुद्दीन ने उधम सिंह नगर जनपद के बनभूलपुरा में उजाड़े गये 4.5 हजार से अधिक परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए राज्य सरकार इस कार्यवाही का विरोध किया है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन ने बनभूलपुरा की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि लगभग 4.5 हजार परिवारों को उजाड़ा जाना गंभीरता का विषय है। एक तरफ दुनिया के किसी भी कोने की सरकार हो खासतौर से भारत जैसे लोकतांत्रिक देश की सरकार प्रत्येक बेघर को घर देने की बात करती है।
वहीं उत्तराखंड के बनभुलपुरा में वर्षों से बसे लोगों को उजाड़ कर बेघर करने का काम किया गया है। जिस जमीन पर लोग वर्षाे से बसे हुए हैं तथा सरकार के कई विभाग उस जमीन पर अपना दावा कर रहे हैं परन्तु जमीन की सही मात्रा नही बता पाये हैं। परन्तु विषय यह नही है कि भूमि कितनी है और किसकी है तथा जिस भूमि पर अतिक्रमण बताया जा रहा है उस भूमि पर पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से लोगों के आवासीय मकान ही नहीं अपितु कई धार्मिक स्थल मौजूद हैं। यही नही इस भूमि पर सरकार पेयजल लाईन, सीवर लाइन, स्वास्थ्य केन्द्र मौजूद हैं। यदि सरकारी भूमि तो इस भूमि पर सरकारी योजनाएं विद्यालय कैसे मौजूद हैं। तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रेवेन्यू लेकर शत्रु सम्पत्ति घोषित करते हुए उसकी नीलामी की गयी। ऐसी स्थिति में अतिक्रमण के लिए पूरी तरह से राज्य सरकार जिम्मेदार है। ऐसे में वहॉ पर बसे लोगो को बेघर करना न्यायोचित नही हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश् बेघर हुए लोगों के साथ खड़े हुए तथा उनको न्याय दिलवाये जाने के लिए उच्च न्यायालय की शरण ली तथा हमें विश्वास है कि उच्च न्यायालय पीड़ितों के पक्ष अपना निर्णय लेगा। पत्रकार वार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी, प्रदेश महामंत्री याकुब सिद्धिकि, भारत जोड़ो यात्रा की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी, महानगर कार्यकारी अध्यक्ष जसविंदर सिंह गोगी, वरिष्ठ नेता नीरज त्यागी, शीशपाल बिष्ट आदि उपस्थित रहे।

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