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केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का निधन

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नई दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी के संस्‍थापक व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का निधन हो गया। गुरुवार की शाम उन्‍होंने दिल्ली के फोर्टिस अस्‍पताल में अंतिम सांस ली। राम विलास पासवान के निधन की पुष्टि एलजेपी के अध्‍यक्ष व उनके बेटे चिराग पासवान ने ट्वीट कर की है। वे 74 वर्ष के थे। शुक्रवार को रामविलास पासवान का पार्थिव शरीर पटना ले जाया जाएगा, जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा।
राम पवलास पासवान की तबीयत बीते कुछ समय से खराब चल रही थी। करीब एक सप्‍ताह पहले अचानक तबीयत खराब हो जाने के कारण तीन अक्‍टूबर को उनके दिल का ऑपरेशन करना पड़ा था। इसके बाद गुरुवार की रात दिल्‍ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में अंतिम सांस ली। वहां कार्डियोलोजिस्‍ट डॉ. अशोक सेठ के नेतृत्व में उनका इलाज चल रहा था। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती चली गयी। चिराग पासवान ने पिता की मौत की पुष्टि करते हुए ट्वीट किया है। उन्‍होंने लिखा है कि पापा अब इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन वे जहां भी हैं, साथ हैं। राम विलास पासवान को राजनीति का बड़ा मौसम वैज्ञानिक माना जाता था। सरकार किसी की भी रही, राम विलास पासवान हमेशा सत्‍ता में रहे। खास बात यह रही कि उन्‍होंने हमेशा चुनाव के पहले गठबंधन किया, चुनाव के बाद कभी नहीं। आपात काल के दौरान इंदिरा गांधी से लड़ने से लेकर अगले पांच दशकों तक पासवान कई बार कांग्रेस के साथ, तो कभी खिलाफ चुनाव लड़ते और जीतते रहे। करीब आधी सदी के अपने लंबे राजनीतिक जीवन में उन्‍होंने 11 चुनाव लड़े, जिनमें नौ में उनकी जीत हुई। पासवान के पास छ‍ह प्रधानमंत्रियों के साथ उनकी सरकार में मंत्री रहने रिकॉर्ड है। पासवान ने 1977 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर सीट से जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़जे हुए चार लाख से ज्यादा वोटों से जीत का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। इसके बाद 2014 तक उन्होंने आठ बार लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की। वर्तमान में वे राज्यसभा के सदस्य तथा नरेंद्र मोदी सरकार में उपभोक्‍ता मामलों तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री थे।

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