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राशन कार्ड बनवाना और बदलवाना होगा आसान

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नई दिल्ली। देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की भूमिका से इन्कार नहीं किया जा सकता है। कोरोना महामारी के दौरान राशन कार्ड ने देश के बड़े तबके को राहत पाने में मदद की है। हालांकि कई बार नए राशन कार्ड बनवाने और जानकारियां अपडेट करवाने के मामले में सामने आने वाली मुश्किलों ने लोगों का ध्यान खींचा है। अब सरकार ने इन मुश्किलों को दूर करने की दिशा में विशेष पहल की है।
इलेक्ट्रानिक्स एवं आइटी मंत्रालय के साथ मिलकर उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने देशभर के जनसेवा केंद्रों (सीएससी) पर राशन कार्ड से संबंधित कई सेवाओं को उपलब्ध कराने की तैयारी की है। नई पहल के तहत नए कार्ड के लिए आवेदन देने और जानकारी अपडेट करवाने समेत राशन कार्ड से जुड़ी तमाम सेवाएं अब सीएससी पर भी उपलब्ध होंगी। देशभर में 3.7 लाख से ज्यादा केंद्रों पर इन सेवाओं की उपलब्धता से 23.64 करोड़ राशन कार्ड धारकों को लाभ होगा।
अर्धशहरी और ग्रामीण इलाकों में राशन कार्ड बनाने की व्यवस्था को गति देने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने सीएससी ई-गवर्नेस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के साथ गठजोड़ किया है। इलेक्ट्रानिक्स एवं आइटी मंत्रालय ने स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) के तौर पर सीएससी ई-गवर्नेस सर्विसेज का गठन किया था। नई व्यवस्था के लिए उपभोक्ता मंत्रालय के अधीन खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने सीएससी के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। सीएससी ई-गवर्नेस के मैनेजिंग डायरेक्टर दिनेश त्यागी ने कहा, ‘खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के साथ इस साझेदारी के बाद गांवों में हमारे सीएससी संचालक (वीएलई) ऐसे लोगों तक पहुंचेंगे, जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं। वीएलई राशन कार्ड बनवाने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करने में मदद करेंगे।’ सीएससी से मिलने वाली आनलाइन सेवाओं की उपलब्धता का दायरा भी बढ़ाया जाएगा। इन सेवाओं में पीएम कल्याण योजनाएं, शिक्षा एवं कौशल विकास पाठ्यक्रम, वित्तीय सेवाएं, हेल्थकेयर और यूटिलिटी बिल पेमेंट जैसी सेवाएं शामिल हैं। इन आनलाइन सर्विसेज को विभिन्न फेयर प्राइस शाप पर उपलब्ध कराने की तैयारी है। इसके लिए सीएससी फेयर प्राइस शाप के डीलरों को प्रशिक्षित करेगा और उन्हें इन सेवाओं के अनुरूप व्यवस्था दी जाएगी।

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