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हरीश जी ! ये पब्लिक है, सब जानती है

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देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गाहे-बगाहे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की तारीफ करते रहते हैं। ऐसा नहीं है कि वह मौजूदा सरकार के मुरीद हो गए हैं, बल्कि इस तारीफ के पीछे कहीं न कहीं वह अपनी पूर्ववर्ती सरकार की नाकामियों और अपनी जवाबदेही को छिपाने का प्रयास करते हैंदो साल पहले की बात है। हरीश रावत ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की प्रशंसा करते हुए कहा कि कहा कि ‘मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने जिस तरह बिगड़ैल मंत्रियों की लगाम कस कर रखी है वो कबिले तारीफ है’। यहां उनका इशारा कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और यशपाल आर्य की ओर था। दरसल, ये दोनों नेता हरीश रावत की सरकार में भी कैबिनेट मंत्री थे। उस वक़्त दोनों ही तमाम मुद्दों को लेकर मुखर रहे। अपने मंत्रियों की सार्वजनिक बयानबाजी से कई बार हरीश सरकार असहज भी हुई। ये सिलसिला सरकार का कार्यकाल समाप्त होने तक चलता रहा। सियासत ने करवट बदली तो 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने में सफल रही। चुनाव से एनपूर्व कांग्रेस कुछ बड़े नेता पाला बदलकर भाजपा में आ गए। त्रिवेन्द्र सरकार में इनमें से हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल और रेखा आर्य मंत्री बनाए गए। इन भारी भरकम मंत्रियों के साथ जिस सहजता और निर्विवाद तरीके से मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सरकार चला रहे हैं, उसे एक नजीर माना जा रहा है। जबकि इन्हीं नेताओं के अनुभव का लाभ उठाने में हरीश बतौर मुख्यमंत्री असफल रहे। उस समय उनकी नेतृत्व क्षमता पर सवाल भी उठे। अब हरीश इस मुद्दे पर सीएम त्रिवेन्द्र रावत की तारीफ कर खुद को बड़ा नेता साबित करना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि मुख्यमंत्री को सख्त बताकर सरकार में फुट डाली जाए। इससे पहले भी 2019 में हरीश रावत ने देहरादून में आयोजित जाट महासंघ के सम्मेलन में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत की प्रशासनिक क्षमता की तारीफ कर कांग्रेस को असहज कर दिया था। सम्मेलन में उन्होंने त्रिवेन्द्र सिंह रावत को जाट की तरह कड़क बताया था। उन्होंने बेबाकी से यह भी स्वीकार किया कि मेरे नाम की स्पेलिंग में त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नाम से कम एल्फाबेट हैं, इसलिए मैं उनसे कम कड़क हूँ। यह उनका अपनी नाकामी छिपाने का प्रयास मात्र था। इसके बाद हरीश रावत ने अब उपनल के ज़रिए गैर सैनिक पृष्ठभूमि के लोगों को नौकरी देने, उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को रियायती पैकेज देने और जौनसार-बावर में वर्ग 3 व 4 की जमीनों के नियमितीकरण के सरकार के फैसलों पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत की सराहना की है। हालांकि ये सभी मुद्दे हरीश रावत की सरकार के समय से लंबित थे, जिनका निराकरण करने में वह असफल रहे। अब वह बड़े शातिराना ढंग से इन मुद्दों को इस तरह प्रोजेक्ट कर रहे हैं जैसे ये उनके कार्यकाल में न रहे हों। एक तरह से हरीश रावत विरोधी दल के मुख्यमंत्री की सराहना कर खुद को बड़े दिल का नेता के रूप में प्रोजेक्ट करना चाह रहे हैं। हालांकि उनकी क्षमता और काबीलियत परखी जा चुकी है। उनका राजकाज देख लिया गया है। सियासी प्रपंच अब नहीं चलने वाले। ये पब्लिक है,सब जानती है।

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