जरूरी कामकाज निपटाने के बाद सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, चार दिन में 19 घंटे 10 मिनट चला सदन

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का चार दिवसीय शीतकालीन सत्र गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। चार दिवसीय विधानसभा सत्र 19 घंटे 10 मिनट तक चला। विधानसभा से बाहर गेट पर मीडिया से बात करते हुए अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच भी 21 दिसम्बर से शुरू हुआ शीतकालीन सत्र शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ। कहा कि सत्र के दौरान 21 वीं बार ऐसा हुआ जब, सदन के भीतर प्रश्नकाल में विधायकों के पूछे गये सभी तारांकित प्रश्नों के 80 मिनट की तय समय सीमा में जवाब दिए गए। सत्र में विधान सभा को 485 प्रश्न प्राप्त हुए। इसमें तीन अल्पसूचित प्रश्न में 2 उत्तरित, 120 तारांकित प्रश्न में 21 उत्तरित, 302 आताराकिंत प्रश्न में 58 उत्तरित, 45 प्रश्न अस्वीकार एवं 15 प्रश्न विचाराधीन रखे गए। 18 याचिकाओं में से सभी स्वीकृत की गयी। वहीं नियम 300 में प्राप्त 71 सूचनाओं में 54 सूचनाएं ध्यानाकर्षण को, नियम 53 में प्राप्त 43 सूचनाओं में दो स्वीकृत एवं 29 ध्यानाकर्षण को रखी गई। नियम 58 में प्राप्त 15 सूचनाओं में सभी को स्वीकृत किया गया। नियम 299 में एक सूचना प्राप्त हुई, जो कि स्वीकृत की गई। सदन के पटल से उत्तराखंड लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) ( संशोधन ) विधेयक 2020, उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश भू राजस्व अधिनियम 1901)( संशोधन) विधेयक 2020, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (संशोधन) विधेयक 2020, उत्तराखंड शहीद आश्रित अनुग्रह अनुदान विधेयक 2020, उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2020 पारित हुए। वहीं हेमंवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2020 को सदन के पटल पर पुनर्विचार हेतु रखा गया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के पहले दिन नेता सदन मुख्यमंत्री वर्चुवली जुड़े। कोराना पॉजिटिव होने के बावजूद उनका सदन की कार्यवाही में जुड़ने का जज्बा संसदीय लोकतंत्र के प्रति उनकी आस्था को दर्शाता है। इससे कोरोना से लड़ाई से प्रदेशवासियों को बल प्रदान करता है। इसके लिए उन्होंने नेता सदन का धन्यवाद दिया।