आईआईटी रुड़की को मिलेगा साइबर-फिजिकल सिस्टम्स में टेक्नोलॉजी हब, मिला 135 करोड़ का अनुदान

-यह हब नेशनल मिशन ऑफ इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम्स के तहत स्थापित किया जाएगा
रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की को शीघ्र ही नेशनल मिशन ऑफ इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम्स (एनएम-आईसीपीएस) के तहत एक टेक्नोलॉजी हब प्राप्त होगा। यह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान कर स्थापित किए जा रहे 25 केंद्रों में से एक है। श्आईहब’ नाम का यह केन्द्र 356 मूलभूत प्रौद्योगिकियों के लिए वन-स्टॉप साॅल्यूशन का काम करेगा। अगले पाँच वर्षों के लिए मंजूर 135 करोड़ रुपये में से 7.25 करोड़ रुपया पहले ही जारी किया जा चुका है। हब सात एप्लिकेशन डोमेन-हेल्थ रिसर्च, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स, न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी, टेलिकम्यूनिकेशन और एटॉमिक एनर्जी में “डिवाइस टेक्नोलॉजी एंड मटीरियल” प्रोजेक्ट्स पर फोकस करेगा।
आईआईटी रुड़की के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रो. सुदेब दासगुप्ता ने कहा, ष्साइबर-फिजिकल सिस्टम उन्नत तकनीकों का समावेशन है, जो उद्योग-4.0 की चुनौतियों के समाधान के लिए काम करेगा। यह नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने वाले पारिस्थितिकी तंत्र का भी निर्माण करेगा। यह पहल हमें एक नए भारत के निर्माण का अवसर प्रदान करेगी। हब स्टार्ट-अप के ग्रोथ में सहयोग के साथ ही उत्पादों, प्रकाशनों, बौद्धिक संपदाओं, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण जैसी सुविधाएं भी प्रदान करेगा। यह रोजगार के कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसरों को पैदा करेगा। अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए यह वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी, टोक्यो इंस्टीट्यूट ऑफ जापान, कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, मलेशिया, सेंट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स ऑर्गनाइजेशन, चंडीगढ़ जैसे संस्थानों के साथ-साथ राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और औद्योगिक भागीदारी की संभावनाओं का पता लगाने का काम भी करेगा। “हब की परिकल्पना साइबर-फिजिकल सिस्टम्स और संबद्ध तकनीकों के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म के रूप में की गई है। इस कदम से ज्ञान साझा करने और सहयोग करने, कार्यबल के कौशल विकास और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में मदद मिलेगीष् मनीष श्रीखंडे, डीन, एसआरआईसी, आईआईटी रुड़की ने कहा।
इस हब के तहत आईआईटी रुड़की विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक और औद्योगिक भागीदारों के साथ मिलकर सीपीएस से संबंधित कई उत्पादों को विकसित करने का काम करेगा। इनमें आईआईटी कानपुर और मैकगिल विश्वविद्यालय कनाडा के साथ मिलकर एक एआई-संचालित बहुउद्देशीय इंटेलीजेंट सिक्योरिटी और निगरानी प्रणाली, प्रोफिसिएंट डिजाइन एलएलसी, यूएसए के साथ मिलकर एक सुरक्षित एआई प्रोसेसर, आईआईटी गुवाहाटी, रित्सुमिकन विश्वविद्यालय, जापान, राष्ट्रीय चेंग कुंग विश्वविद्यालय, ताइवान और जोहान्स केप्लर विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रिया के सहयोग से प्रोटोटाइपिंग माइक्रोफ्लूडिक लैब-ऑन-चिप्स के लिए साइबर-फिजिकल प्लेटफॉर्म का विकास शामिल है।