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गूलर के पास निर्माणाधीन टू लेन पुल के ढहने के मामले में सीएम ने दिए जांच के निर्देश

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ऋषिकेश। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर गूलर के पास निर्माणाधीन टू लेन पुल के ढहने के मामले में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव को जांच के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घटना को दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ्य लाभ की कामना की। इस पुल के ढहने से इसमें कार्य कर रहे 14 श्रमिक घायल हो गए। घायलों को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है। पुल हादसे में एक श्रमिक की एम्स में मौत हो गई है। जबकि दो की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। राजकीय चिकित्सालय में लाए गए चार श्रमिकों को भी चिकित्सकों ने एम्स ऋषिकेश के लिए रेफर कर दिया है। अभी तक मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। जबकि एम्स में गए घायलों में रियाज (24 वर्ष) पुत्र मेहंदी हसन निवासी डिंडोली अमरोहा उप्र भी शामिल है। रियाज निर्माण कंपनी में फोरमैन के पद पर है।
ऋषिकेश से 25 किलोमीटर और शिवपुरी से छह किलोमीटर आगे गूलर के समीप यह हादसा हुआ। पुल की कुल लंबाई 90 मीटर है, जिसमें से 45 मीटर बन चुका है, जबकि 45 मीटर पर कार्य चल रहा था जो ढह गया। बताया जा रहा है कि पुल पर रविवार को लेंटर डालने का काम चल रहा था। अचानक शटरिंग में कुछ गड़बड़ी आ जाने के कारण पुल ढह गया है। पीडब्‍यूडी एनएच खण्ड श्रीनगर इस पुल को बना रहा है। हादसे के बाद 14 मजदूरों को निकाल लिया गया है। जिन्‍हें राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में भर्ती करा दिया है। जानकारी के अनुसार 45 मीटर के इस पुल के एक हिस्से का काम पूरा हो चुका था। दूसरे हिस्से पर लेंटर डाला जा रहा था। प्रथम दृष्टया सैंटरिंग बैठ जाने के कारण यह हादसा हुआ है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।
थाना प्रभारी निरीक्षक मुनिकीरेती आरके सकलानी ने बताया कि 14 घायलों को रेस्क्यू किया गया है। जिनमें से चार की हालत गंभीर है। अभी तक मुन्नन (20 वर्ष) पुत्र बुरहान, कादिर (24 वर्ष) पुत्र जमशेद, मेहताब (28 वर्ष) पुत्र शमशाद व मुस्तफा (27 वर्ष) पुत्र कयूम सभी निवासी मिर्जापुर, बेहट सहारनपुर उत्तर प्रदेश को राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में पहुंचाया गया है। गूलर में पुल निर्माण के काम में ठेकेदार की ओर से पंद्रह श्रमिक लगाए गए थे। सायं सवा छह बजे जब दुर्घटना हुई उससे पहले यहां सभी पंद्रह श्रमिक काम कर रहे थे। इसलिए जब हादसे के बाद पुलिस रेस्क्यू के लिए पहुंची तो पंद्रह श्रमिकों की तलाश की गयी। पुलिस ने चैदह श्रमिकों को मलबे से बाहर निकाल दिया था और एक श्रमिक की तलाश की जा रही थी। मगर, बाद में पता चला कि एक श्रमिक कुछ देर पहले ही घर चला गया था। जिसके बाद पुलिस ने रेस्क्यू बंद कर दिया।

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