नेहरू कालोनी थाना क्षेत्र में हुई लाखों की चोरी का पुलिस ने किया खुलासा
देहरादून। थाना नेहरू कालोनी पुलिस ने लाखों की चोरी का खुलासा करते हुए 41 लाख रुपये कीमत की ज्वेलरी के साथ पंजाब के दो चोरों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने चोरों को न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया।
सुरेंद्र सिंह गुसाईं पुत्र स्व. कल्याण सिंह गुसांई जो कि रिटायर्ड इन्जीनियर सीपीडब्लूडी ने थाना नेहरू कॉलोनी पर आकर एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया कि उनके घर से 16 अगस्त की रात्रि में अज्ञात व्यक्तियों ने घर में घुसकर लगभग 30 लाख रूपये कीमत की ज्वैलरी व नगदी चोरी कर ली गयी है। सूचना पर थानाध्यक्ष नेहरू कॉलोनी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तथा वादी से घर मे घटित चोरी की घटना के संबंध में जानकारी प्राप्त की। घटना के खुलासे के लिए एसएसपी ने थानाध्यक्ष नेहरू कॉलोनी को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये, जिस पर थानाध्यक्ष नेहरू कॉलोनी के नेतृत्व में थाना स्तर पर अलग-अलग टीमों का गठन किया गया। जांच के दौरान वादी ने बताया कि चोरी हुई ज्वैलरी की कुल कीमत 41 लाख रूपये है।
घटना स्थल एवं उसके आस-पास सीसीटीवी कैमरे न होने के कारण इस घटना के खुलासे के लिए पुलिस टीम ने मैनुवल पुलिसिंग का सहारा लेते हुए मुखबिरों की मदद ली गयी। चूंकि घटना स्थल पर अज्ञात चोरों ने घटना के समय वादी एवं उनकी पत्नी के कमरे का बाहर से कुन्डा लगा दिया गया था एवं घटना स्थल रेलवे पटरी के समीप था, जिस पर घटना की मोडस ऑपरेंडी के सम्बन्ध में जानकारी करने पर मुखबिर के माध्यम से पुलिस टीम को जानकारी मिली की इस प्रकार से अपराध करने का तरीका सपेरा जनजाति के कुछ अपराधी अपनाते है, जिस पर पुलिस टीम ने नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में स्थित सपेरा बस्तियों में आरोपियों के सम्बन्ध में जानकारी करते हुए संदिग्धों से पूछताछ की गई तो पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि कुछ सपेरा जनजाति के व्यक्ति 10-12 दिन पहले नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में देखे गए थे तथा उसके बाद घटना वाले दिन से ही वह व्यक्तियों को नेहरू कालोनी क्षेत्र में घूमते हुए देखा गया था, जो स्थानीय नही थे।
गठित पुलिस टीमों ने संदिग्धो के संबंध में जानकारी के लिए मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया, पुलिस टीम के किये जा रहे अथक प्रयासों से मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने दूधली रोड से घटना में सम्मिलित दो आरोपियों सौरभ पुत्र ठंडू तथा मनदीप पुत्र चंडू को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से चोरी का शत प्रतिशत माल बरामद किया गया।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे दोना सपेरा जनजाति के खानाबदोश किस्म के लोग हैं, जिनका कोई स्थाई ठिकाना नहीं है। चोरी की घटना अंजाम देने के दौरान दोनों मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करते हैं तथा सीसीटीवी कैमरों से बचने के लिए घटना स्थल तक आने जाने के लिए रेलवे पटरी का प्रयोग करते हैं घटना को अंजाम देने के बाद तुरंत अपने कपडे भी बदल लिए जाते है, जिससे कोई उन्हें पहचान न सके। घटना करने के लिए आते समय और घटना करने के बाद जाते समय पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग किया जाता है तथा रेलवे पटरी के आसपास कोई सीसीटीवी कैमरा न होने के कारण उसके आस पास के घरों को ही घटना के लिए चिन्हित किया जाता है।