उत्तराखण्ड

मोदी सरकार ने डिजिटल इंडिया और सहकारिता से डाली समृद्ध ग्राम की नींवः अमित शाह

ख़बर शेयर करें

देहरादून। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार कार्यालयों की कंप्यूटरीकरण की योजना का शुभारंभ किया, इससे सहकारिता क्षेत्र में लोगों की कागजों पर निर्भरता कम होगी और गतिशीलता बढ़ेगी। इस मौके पर अमित शाह ने स्पष्ट किया कि मोदी सरकार ने डिजिटल इंडिया और सहकारिता से समृद्ध ग्राम की नींव डालने का काम किया है। डिजिटलीकरण की मदद से अब सहकारिता मंत्रालय गाँव-गाँव तक पहुँचेगा।
देश में लंबे समय से सहकारिता मंत्रालय के गठन की मांग की जा रही थी, लेकिन किसी भी सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। साल 2021 में मोदी जी ने सहकारिता मंत्रालय का गठन किया और मंत्रालय की कमान अंत्योदय की राजनीति करने वाले अमित शाह के हाथों में सौंप दी। मोदी जी ने सहकारिता के माध्यम से करोड़ो लोगों को स्वरोजगार के साथ जोड़ने का एक मजबूत तंत्र खड़ा किया है। सहकारिता के क्षेत्र से लंबे समय से जुड़े शाह ने सहकारिता आंदोलन को बल देने का काम बखूबी किया। महज 2 साल के अंदर जर्जर हो चुके सहकारिता क्षेत्र को जीवंत बनाने और अंतिम व्यक्ति तक को लाभान्वित करने का काम शाह ही कर सकते हैं। आज तकरीबन 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल चुके हैं। आज करोड़ों लोगों के घर में गैस, बिजली, 5 किलो मुफ्त राशन और अनेक प्रकार की सुविधाएँ देकर मोदी सरकार गरीबों के कल्याण का काम कर रही है।
मोदी जी की अगुआई और अमित शाह की नीतियों के तहत सहकारिता मंत्रालय ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को साकार करने और करोड़ों किसानों को समृद्ध बनाने के प्रति कटिबद्ध है। कार्यालयों का कंप्यूटरीकरण सहकारिता मंत्रालय द्वारा उठाए गए कई महत्त्वपूर्ण कदमों में से एक है। यह परियोजना पूरे सहकारी इकोसिस्टम को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाकर सहकारिता क्षेत्र के आधुनिकीकरण और दक्षता को बढ़ाने की अमित शाह की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। आज देश भर में पैक्स के कंप्यूटरीकरण के साथ उन्हें एक कॉमन नेशनल सॉफ्टवेयर के माध्यम से नाबार्ड से जोड़ा जा रहा है। पैक्स को बहुउद्देश्यीय कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में डिजिटल सेवाएँ शुरू करने में भी सक्षम बनाया जा रहा है। पैक्स से लेकर पूरी कॉपरेटिव व्यवस्था का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि वर्षों से उपेक्षित रहीं सहकारी समितियों को जिस तरह मोदी-शाह की जोड़ी सहकार से समृद्धि’ के मंत्र के साथ नया आयाम देने में जुटी हुई है, वह दिन दूर नहीं जब संकल्प से सिद्धि’ की इस यात्रा में दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक भारत वैश्विक पटल पर महाशक्ति बन कर उभरेगा।

Related Articles

Back to top button