तम्बू या होटल में आयोजित हो सकता है उत्तराखण्ड विधानसभा का मानसून सत्र
देहरादून। आगामी सितम्बर माह में प्रस्तावित उत्तराखण्ड विधानसभा के मानसून सत्र की व्यवस्था को लेकर विधानसभा सचिवालय असमंजसय की स्थिति में है। चूंकि कोरोना संक्रमण की वजह से सभामण्डप में विधायकों के सिटथ्ंग अरेंजमेंट में दो गज की दूरी के मानक का पालन करना होगा लेकिन जगह की कमी इसके आड़े आ रही है। ऐसे में बहुत संभव है कि विधानसभा का मानसून सत्र तम्बू में या फिर किसी होटल में आयोजित होगा।
विधानसभा का मानसून सत्र आगामी 23 सितम्बर से देहरादून में प्रस्तावित है। सत्र शुरू होने में काफी वक्त शेष है लेकिन सत्र के दौरान सभामण्डप की सिटिंग व्यवस्था में विधायकों के बीच दो गज की दूरी कैसे बनाई जाये इसे लेकर मंथन शुरू हो गया है। दरअसल, उत्तराखण्ड विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 71 (एक मनोनीत विधायक समेत) है। सभामण्डप में इतने ही विधायकों के बैठने की सीमित व्यवस्था है। प्रत्येक बैंच पर लगभग 3 विधायकों के बैठने की जगह रहती है। विधायकों को सटकर एक-दूसरे के साथ बैठना पड़ता है। सामान्य परिस्थितियों में तो यह व्यवस्था चल जाती है लेकिन कोरोना काल में दो गज की दूरी का पालन करना जरूरी है। यदि दर्शक दीर्घा और पत्रकार दीर्घा तक सभा मण्डप का विस्तार कर दिया जाए तो भी बात नहीं बनने वाली। ऐसे में विधानसभा सचिवालय के पास दो ही विकल्प बचे हैं या तो सत्र तम्बू में या फर होटल में आयोजित किया जाये। तम्बू में विधानसभा सत्र आयोजित करने का अनुभव सरकार को है। गैरसैंण में पहले ऐसा हो चुका है। इसके अलावा देहरादून के एक होटल में भी पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के दौरान विधानसभा की तर्ज पर सभामण्डप बनाया गया था। अभी तक इसे लेकर जो मंथन हुआ है उसमें यही सामने आया है कि मानसून सत्र विधानसभा भवन से बाहर ही आयोजित होगा। विधानसभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल का कहना है कि सत्र कहां आयोजित होगा यह निर्णय विधानसभा अध्यक्ष, संसदीय कार्यमंत्री और सरकार को मिलकर लेना है। दूसरी ओर, विधानसभा के पूर्व सचिव जगदीश चन्द्र का कहना है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए किसी पांडाल अथवा तम्बू में विधानसभा सत्र आयोजित करना ज्यादा सुरक्षित होगा।
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