राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 10 जुलाई को
देहरादून। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के निर्देशानुसार जनपद देहरादून के विभिन्न न्यायालयों में लम्बित वादों की संख्या को कम करने हेतु एवं पक्षकारों को सौहार्दपूर्ण वातावरण में वादों के निस्तारण हेतु लोक अदालतों का आयोजन समय-समय पर किया जाता है। इन लोक अदालतों में फौजदारी वाद, दीवानी वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, परिवार वाद, 138 एन0आई0एक्ट वाद आदि ऐसे सभी प्रकृति के वाद जो सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारित किये जा सकते हैं, को नियत किया जाता है, जिसमें बिना किसी मन-मुटाव के आपसी रजामन्दी के वादोें का निस्तारण किया जा सकेें एवं पक्षकार खुशी-खुशी अपने वादों को कम समय में निस्तारित कर लाभान्वित हो सकें। उक्त लोक अदालतों में काफी कम खर्चे पर वादों को निस्तारित किये जाने हेतु नियत किया जाता है, जिससे गरीब वर्ग भी अपने वादों को कम खर्च एवं कम समय में सौहार्दपूर्ण वातावरण में निस्तारित कर लाभान्वित होते हैं। उक्त लोक अदालत मंे निस्तारित वादों मंे पक्षकारों को यह भी फायदा मिलता है कि न्यायालय द्वारा निस्तारित वादों में किया गया फैसला अन्तिम होता है, जिसकी कही कोई अपील नहीं की जा सकती है, तथा उन वादों में लगायी गयी कोर्ट फीस भी वापसी हो जाती है।इसी सम्बंध मंे अवगत कराना है कि माननीय उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के निर्देशानुसार जनपद देहरादून की समस्त न्यायालयों में समस्त प्रकृति के मुकदमों का सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारण किये जाने हेतु दिनांक 10 जुलाई को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाना सुनिश्चित किया गया है। लोक अदालत में फौजदारी वाद, दीवानी वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, परिवार वाद, 138 एन0आई0एक्ट वाद आदि ऐसे सभी प्रकृति के वाद जो सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारित किये जा सकते हैं, को नियत किये जायेंगे। अतः जो पक्षकार अपने वादों को राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित करवाना चाहते है, वह सम्बंधित न्यायालय, जहाँ उनका मुकदमा लम्बित है, में स्वयं या अधिवक्ता के माध्यम से प्रार्थनापत्र (भौतिक या आॅनलाईन) देकर अपने वाद राष्ट्रीय लोक अदालत के लिये नियत करवा सकते हंै। उन्होनें अवगत कराया कि इसके अतिरिक्त जनपद देहरादून में विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 22 बी0 के अन्तर्गत गठित स्थायी लोक अदालत में ऐसे सभी जन उपयोगी सेवा जैसेः डाक,तार या टेलिफोन सेवा, बैंक व बीमा सेवा, शैक्षिक संस्थान, विद्युत, जल आदि की सुविधा प्रदान करने वाले संस्थान आदि अन्य ऐसे सभी जनउपयोगी सेवा जिन्हंे केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार लोकहित में अधिसूचना द्वारा इस अध्याय के प्रयोजनों के लिये उपयोगी सेवा घोषित करें से सम्बंधित मामलें जिनका मूल्यांकन एक करोड़ रूपये तक हैं तथा वह सभी फौजदारी शमनीय मामलें तथा जिन्हें किसी भी न्यायालय के समक्ष दायर नहीं किया गया है को निस्तारित किया जाता हैं । अतः जो भी व्यक्ति उपरोक्त से सम्बंधित अपने मामलों को प्री-लिटिगेशन लोक अदालत के माध्यम से मामलों को निस्तारित करना चाहते है, वह जनपद देहरादून की फौजदारी न्यायालय परिसर, देहरादून में स्थित स्थायी लोक अदालत में उपस्थित होकर अपने मामलें को आॅनलाईन या आॅफलाईन के माध्यम से निस्तारित करवा सकता है।—————————————-