उत्तराखण्ड

चारधाम यात्रा को लेकर एनडीएमए ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव

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देहरादून। एनडीएमए के प्रमुख सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने मॉक ड्रिल के बाद शाम को डिब्रीफिंग कर चारधाम यात्रा के लिए अहम सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि राज्य व जनपद आपातकालीन परिचालन केंद्र में पुलिस तथा पर्यटन विभाग के कंट्रोल रूम की फीड होनी चाहिए ताकि मॉनीटरिंग का दायरा बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि यात्रियों से अधिक से अधिक संख्या में चारधाम यात्रा एप को डाउनलोड कराया जाए। इस एप में यात्रियों को वेदर फोरकास्ट, वेदर एलर्ट देने की व्यवस्था की जाए। टै्रफिक मैनेजमेंट प्लान की जानकारी भी इस एप के जरिये यात्रियों को दी जाए ताकि उन्हें जाम तथा वैकल्पिक मार्गों की स्थिति पता चल सके। भूस्खलन क्षेत्र की जानकारी भी इस ऐप के जरिये मुहैया कराई जाए। भूस्खलन अथवा टै्रफिक जाम की वजह से अधिक संख्या में यात्रियों को परेशानी न हो इसके लिए होल्डिंग ऐरिया को चिन्हित किया जाए, जहां वाहनों को रोका जा सके।
उन्होंने कहा कि आपदा के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों तथा डेंजर जोन में साइनेज अनिवार्य रूप से लगाए जाने चाहिए ताकि यात्री संभलकर यात्रा करें। इसके साथ ही उन्होंने होटल तथा धर्मशालाओं का फायर सेफ्टी आडिट भी अनिवार्य रूप से कराने को कहा। लैंडस्लाइड जोन के दो किमी के दायरे में जेसीबी तथा अन्य उपकरण तैनात किए जाएं, ताकि समय पर मार्ग को खोला जा सके। नो नेटवर्क जोन में संबंधित विभाग को वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए, ताकि किसी आपात स्थिति में यात्री मदद के लिए बात कर सकें। उन्होंने कहा कि जो यात्री हेलीकॉप्टर से सीधे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जाते हैं, उन्हें हाई एल्टीट्यूड सिकनेस की समस्या हो सकती है। उन्हें संभावित खतरे से बचाने के लिए भी स्वास्थ्य विभाग को पुख्ता व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर तथा हेलीपैड की सुरक्षा भी बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने यूकाडा को एसओपी बनाने के निर्देश दिए।
बदरीनाथ धाम में व्यवस्थाओं पर जिलाधिकारी के प्रयासों को सराहा
देहरादून। बदरीनाथ धाम में भगदड़ के परिदृश्य पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान एनडीएमए के प्रमुख सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने भगदड़ का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की सराहना की। इसके लिए उन्होंने चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी को बधाई दी। जिलाधिकारी ने बताया कि बदरीनाथ धाम में यात्रियों के लिए मैटिंग की व्यवस्था की गई है। रेलिंग को मजबूत किया गया है ताकि वे टूटे नहीं। कतार में लगे बुजुर्ग यात्रियों के बैठने के लिए बीच-बीच में बैंच की व्यवस्था की गई है। अधिक संख्या में शौचालयों का निर्माण किया गया है।

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