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सनातनी होना न होना निजी विषय, राय सुमारी के बजाय मंथन करे हरदाः चौहान

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देहरादून। भाजपा ने पूर्व सीएम हरीश रावत द्वारा खुद के सनातनी होने के लिए बहस को उनका नितांत निजी विषय बताया और कहा कि इस पर रायसुमारी के बजाय उन्हे आत्मअवलोकन करने की जरूरत है। सोसल मीडिया पोस्ट मे भाजपा पर लगाए गए आरोप मे प्रतिक्रिया देते हुए मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि हरदा एक वरिष्ठ नेता है और वह बेहतर जानते हैं कि सनातन के सरंक्षण और प्रतिकार उन्होंने कब और कैसे किया। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम अपने सनातन स्वरूप को लेकर आशंकित है और इसकी वजह उन्हे बेहतर पता होगी। हालांकि अनेक ऐसे मौके आये जब कांग्रेस सनातन के पक्ष मे खड़े नही दिखी। उन्होंने कहा कि राज्य की बदल रही डेमोग्राफी तथा समान यूसीसी जैसे मुद्दों पर भी वह सरकार की घेरेबंदी करते दिखे। राज्य मे लैंड जिहाद और लव जिहाद के मामलों मे भी वह एक पक्षीय कार्यवाही बताते रहे जबकि सम भाव से कार्यवाही हुई।
चौहान ने कहा कि पूर्व सीएम मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए भाजपा पर तोहमत लगाती है जबकि उनके ही एक पदाधिकारी ने यह सार्वजनिक बयान दिया था। उन्होंने उस समय विरोध नही जताया। वहीं उक्त पदाधिकारी हरिद्वार मे एक विस प्रभारी नियुक्त किया गया था। चौहान ने कहा कि जुम्मे की छुट्टी के लिए भी एक पूर्व अध्यक्ष ने जब नाराजगी जताई तो यह मुद्दा सुर्खियों मे आया। हालांकि तत्कालीन सरकार ने इस पर लीपापोथी की थी। भाजपा ने उनके एक वर्ग विशेष को लेकर कभी टिप्पणी नही की, बल्कि कांग्रेस की तुष्टिकरण और उनकी अगुवाई पर जनता ने ही सवाल उठाये।
उन्होंने कहा कि भाजपा पर आरोप के बजाय उन्हे पार्टी और जनता के बीच सवाल उठाना चाहिए, न कि इसके लिए भाजपा को दोष देने की जरूरत है। भाजपा सनातन संस्कृति के सरंक्षण के लिए हमेशा अग्रिम पंक्ति मे रही है, जबकि कांग्रेस का भेदभाव हमेशा सामने आता रहा है और इसी कारण उन्हे जनता ने सत्ता से किनारे किया। जनता कांग्रेस के रवैये को भली भाँति जानती है।

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