उत्तराखण्ड

ऑपरेशन ‘कालनेमि’ का संतों ने किया स्वागत

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हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिन ऑपरेशन ‘कालनेमि’ लॉन्च कर दिया है। साथ ही सीएम धामी ने अधिकारियों को सनातन धर्म की आड़ में लोगों को ठगने और भावनाओं से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद सीएम धामी के इस कदम का संतों ने स्वागत किया है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी ने कहा कि उत्तराखंड में साधु संतों के भेष में फर्जी तरह से रह रहे लोगों की पहचान के लिए ऑपरेशन कालनेमिचलाए जाने का फैसला स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से राक्षस श्कालनेमि द्वारा साधु का भेषधारण कर हनुमान को रोकने का काम किया था, उसी प्रकार कुछ फर्जी आपराधिक और सनातन विरोधी लोग धर्म को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी आवश्यक है। वहीं अखंड परशुराम अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने भी धामी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों का ना तो किसी अखाड़े से संबंध हैं और ना ही कोई ज्ञान है, ऐसे फर्जी संतों की पहचान कर जेल भेजना चाहिए। वहीं कई अन्य संतों के द्वारा भी प्रदेश सरकार द्वारा ऑपरेशन श्कालनेमिश् चलाए जाने के फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि सनातन की रक्षा के लिए सरकार का यह फैसला काफी सराहनीय फैसला है। श्कालनेमिश् एक ऐसा अभियान है जो धार्मिक आस्था की आड़ में ठगी और अपराध करने वालों के खिलाफ चलेगा। दरअसल, पिछले कुछ समय से उत्तराखंड में कई जगहों से ऐस छद्म वेषधारी असामाजिक तत्व पकड़े जा रहे थे, जो साधु-संतों के वेष में भोले-भाले नागरिकों और खासकर महिलाओं को ठगने का काम कर रहे हैं, उसके लिए यह अभियान शुरू किया गया है।

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