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सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई पीएम केयर फंड का पैसा एनडीआरएफ में ट्रांसफर करने की मांग, विपक्ष को लगा झटका

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देहरादून। नवनिर्मित प्राइम मिनिस्टर्स सिटिजन असिस्टेंस ऐंड रिलीफ इन इमर्जेंसी सिचुएशंस (पीएम केयर्स) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका खारिज कर दी गई है। एक गैर सरकारी संस्था सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि पीएम केयर फंड में जमा रकम को कोरोना महामारी के मद्देनजर नैशनल डिजास्टर रिस्पांस फंड (एनडीआरएफ) में ट्रांसफर किया जाए। अदालत ने कहा सरकार जरूरत के हिसाब से फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है। अदालत के इस फैसले से विपक्ष के उन आरोपों को झटका लगा है जिनमें पीएम केयर्स फण्ड को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे।

   पीएम केयर फंड जमा हुए पैसे को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष  में ट्रांसफर करने का आदेश देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की बेंच का फैसला सुनाया कि कोरोना से निपटने के लिए 2019 की राष्ट्रीय योजना, न्यूनतम मानक पर्याप्त हैं और नई योजना की कोई आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पीएम केयर्स फंड भी चैरिटी फंड ही है लिहाज़ा रकम ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि कोई  भी व्यक्ति या संस्था एनडीआरएफ में रकम दान कर सकता है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पीएम केयर्स फंड का बचाव किया था। केन्द्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि राष्ट्रीय और राज्यों के आपदा में राहत कार्यों के लिए पीएम केयर फंड दूसरे फंड पर रोक नहीं लगाते है जिनमें स्वैच्छिक दान स्वीकार किए जाते हैं। केन्द्र सरकार ने कहा कि पीएम केयर फंड बनाने पर रोक नहीं है, इस फंड में लोग स्वेच्छा से दान दे सकते हैं, इसलिए सारा पैसा एनडीआरएफ में ट्रांसफर करने की मांग सुनवाई योग्य नहीं है, इस मामले में दायर जनहित याचिका ख़ारिज की जाए। बताते चलें कि बीते 17 जून को सुप्रीम कोर्ट ने सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की ओर से दायर याचिका में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था जिसमें वकील प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया और केंद्र को 4 सप्ताह के भीतर अपना जवाब हलफनामा दायर करने के लिए कहा था।  

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