सावन के पांचवें अंतिम सोमवार पर शिवालयों में उमड़े शिवभक्त
देहरादून। आज सावन का पांचवां और आखिरी सोमवार है। यानि शिव की भक्ति का सबसे अच्छा दिन और प्रिय दिन है। मान्यता है कि भगवान शिव को सोमवार का दिन काफी प्रिय होता है। यही वजह है कि इस दिन भगवान शिव की भक्ति और उनका जलाभिषेक करने पर अपार कृपा मिलती है। यही वजह है कि हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से भक्तों का हुजूम देखने को मिल रहा है। हर कोई आखिरी सोमवार पर शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाने को लालायित नजर आ रहा है। प्रदेश भर के शिवालयो में आखिरी सोमवार को शिव भक्त उमड़े।
माना जाता है कि पूरे महीने यानी सावन में भगवान शिव अपनी ससुराल कनखल स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर में निवास करते हैं। यही से सृष्टि का संचालन और लोगों का कल्याण करते हैं। ऐसे में भगवान शंकर का जलाभिषेक किया जाए तो वे प्रसन्न होते हैं और सभी मुरादें भी पूरी करते हैं। हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर समेत अन्य शिवालयों में भी भोले के भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए उमड़े हुए हैं।
भगवान शिव की ससुराल कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार लगी हुई है। सावन के माह का पांचवां एवं अंतिम सोमवार होने के चलते काफी संख्या में शिवभक्त यहां भगवान शंकर को प्रसन्न करने आ रहे हैं। हालांकि, कांवड़ मेला संपन्न हो चुका है, लेकिन भोले के भक्तों का उत्साह और श्रद्धा आज भी वैसी ही नजर आ रही है।
इस बार अद्भुत संयोग बना है कि सावन का पहला और अंतिम दिन सोमवार पड़ा है। सावन माह में पांच सोमवार पड़े हैं और आज ही रक्षाबंधन का त्यौहार भी है। दक्षेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य पुजारी स्वामी विशेश्वर पुरी कहते हैं कि सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा और आराधना का खास महत्व माना जाता है। क्योंकि, सोमवार का दिन भोले शिव को पसंद होता है।
कहा जाता है कि सावन में खासकर सोमवार के दिन जलाभिषेक करने से भगवान शिव जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। यहां भगवान शंकर की ससुराल है। यहां हर सोमवार को गंगा जल, दूध, दही शहद, धतूरा, घी आदि से अभिषेक करने का विशेष महत्व माना जाता है। श्रवण नक्षत्र में ही गंगा, भगवान शिव की जटाओं में समाई थी। इसलिए भी श्रावण मास में भगवती गंगा के जल का महादेव के ऊपर अभिषेक का विशेष महत्व है।