उत्तराखण्ड

एसटीएफ ने दबोचा 2 लाख का ईनामी 11 लोगों का हत्यारा

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देहरादून। उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), पौड़ी गढ़वाल पुलिस व बिहार एसटीएफ की संयुक्त टीम ने बिहार के कुख्यात अपराधी को गिरफ्तार किया है। पुलिस की गिरफ्त में आए बदमाश का नाम रंजीत चौधरी है। रंजीत चौधरी पर 11 हत्याओं का आरोप है। लूट, डकैती, रगंदारी और बलवा के मामले में 27 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। बिहार पुलिस ने रंजीत चौधरी पर दो लाख का इनाम घोषित कर रखा है।
उत्तराखंड एसटीएफ ने बताया कि बीती 6 सितंबर को बिहार एसटीएफ ने सूचना दी थी कि पटना के रानी तालब थाने में हत्या और अन्य मुकदमों में फरार 2 लाख का इनामी अपराधी रंजीत चौधरी इस वक्त पौड़ी जिले के लक्ष्मण झूला थाना क्षेत्र में है। सूचना मिलते ही उत्तराखंड एसटीएफ और लक्ष्मण झूला थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए देर रात रंजीत चौधरी को गिरफ्तार किया।
उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक रंजीत चौधरी लक्ष्मण झूला क्षेत्र के एक होटल में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ ठहरा हुआ था। इस अपराधी के खिलाफ बिहार और झारखंड राज्य में करीब 27 मुकदमे दर्ज हैं। जिसमें से 11 रंजिशन हत्या, सुपारी लेकर हत्या और बाकी 16 मुकदमे लूट, रंगदारी, फिरौती, हत्या का प्रयास और बलवा के दर्ज हुए हैं।
पुलिस ने बताया कि रंजीत चौधरी ने दो साल पहले ही पटना में रनिया थाना के बाहर खनन कारोबारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। तभी से रंजीत चौधरी फरार चल रहा था। रंजीत चौधरी पर बिहार डीजीपी ने दो लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। रंजीत चौधरी कितना कुख्यात है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिहार पुलिस ने रंजीत चौधरी की गिरफ्तार के लिए विशेष कार्यबल दस्ता राज्य स्तर पर बनाया है।
उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपी 12 वीं पास है। गांव में ही आरोपी के परिवार की किसी से रंजिश हो गई थी। उसी रंजिश ने दूसरे पक्ष ने रंजीत चौधरी के भाई और पिता की हत्या कर दी थी। यहीं से रंजित चौधरी का क्राइम का नया सफर शुरु हुआ। सबसे पहले रंजीत चौधरी ने भाई और पिता के हत्या में शामिल लोगों को मारा। उसके बाद रंजित चौधरी पैसे लेकर हत्या करने लगा। साथ ही अपने जिले भोजपुर और पड़ोसी राज्य झारखंड में भी खनन के काम करने लगा। रंजीत चौधरी ने खनन कारोबार से जुड़े कई लोगों की हत्याएं भी की। इसके अलावा रंगदारी और फिरौती के लिए रंजीत चौधरी अपहरण भी करता था।

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