जट बहादरपुर में खूनी संघर्ष के बाद तनाव

हरिद्वार: पथरी थाना क्षेत्र के ग्राम जट बहादरपुर में रविवार रात खूनी संघर्ष में गोली लगने से हुई युवक की मौत का मामला तूल पकड़ा गया। भीम आर्मी कार्यकर्ताओं, ग्रामीणों और पजिनों ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जिला अस्पताल में हंगामा काटा। अफसरों के समझाने पर पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर निकल गए, लेकिन गांव में पहुंचते ही चौराहे पर फिर रविदास मंदिर परिसर में शव रखकर हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस के आला अधिकारियों के साथ जिलेभर की पुलिस फोर्स गांव पहुंच गई। चार घंटे तक चले हंगामे के बाद सभी आरोपियों की 36 घंटे के अंदर गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद लोग मान गए और शव अंतिम संस्कार के लिए ले गए। जट बहादरपुर के पूर्व प्रधान विकास कुमार और गांव के ही जतिन चौधरी के बीच काफी समय से तनातनी चली आ रही है। रविवार की रात एक्कड़ रेलवे स्टेशन व फाटक के पास दोनों पक्षों में खूनी संघर्ष हो गया था। दोनों तरफ से जमकर मारपीट के बाद कई राउंड फायरिंग हुई थी, जिसमें विकास कुमार पक्ष के राजन को गोली लगी थी। जतिन चौधरी भी घायल हो गया था। कनखल स्थित निजी अस्पताल में ले जाने पर चिकित्सकों ने राजन को मृत घोषित कर दिया था। वहीं, जतिन के परिजन उसे मेरठ लेकर जा रहे थे। तब पुलिस ने नारसन बॉर्डर पर उन्हें रोक लिया और एम्स ऋषिकेश भेज दिया। पुलिस ने रात ही राजन के शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में भेज दिया था।
सोमवार सुबह पोस्टमार्टम के दौरान बड़ी संख्या में भीम आर्मी के पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं के अलावा ग्रामीण, परिजनों के साथ ही बसपा से जुड़े लोग अस्पताल पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया। एसपी सिटी पंकज गैरोला, सीओ ज्वालापुर अविनाश शर्मा व अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर किसी तरह उन्हें समझाकर शांत किया। तब ट्रैक्टर ट्रॉली में शव रखकर गांव रवाना हो गए। गांव पहुंचते ही बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए और चौराहे पर शव को रखकर हंगामा शुरू कर दिया और सभी आरोपियों की गिफ्तारी की मांग पर अड़ गए।
हंगामे को देखते हुए पीएसी के अलावा जिलेभर से पुलिस फोर्स को गांव में बुला लिया गया। एसपी सिटी पंकज गैरोला, एसपी देहात शेखर सुयाल सहित तमाम अधिकारियों ने लोगों को समझाना शुरू किया। करीब घंटे के बाद यहां शव लेकर फिर सभी गुरु रविदास मंदिर पहुंचे। यहां शव को यहां रखकर पंचायत शुरू कर दी गई।
दोपहर करीब साढ़े 12 बजे शुरू हुए हंगामे के बाद से आरोपियों की गिफ्तारी की मांग चल रही थी। कुछ लोगों ने आरोपी का एनकाउंटर तक करने की मांग उठाई। ग्रामीणों की मांग थी कि 24 घंटे के अंदर सभी आरोपियों गिफ्तार किया जाए, जबकि कुछ लोगों 48 घंटे तो की मांग रखी। इस बीच तय हुआ कि 36 घंटे के भीतर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। हंगामा शांत होने के बाद परिजन और ग्रामीण शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर श्मशान घाट के लिए रवाना हुए। गांव के ही श्मशान घाट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राजन के शव का अंतिम संस्कार किया गया। युवक की हत्या के बाद गांव में रविवार की रात से ही पुलिस बल तैनात हो गया था। सुबह होते ही गांव में लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई और माहौल बदलता चला गया। इसके बाद गांव में लोगों ने अपनी दुकानें नहीं खोली। शाम तक हंगामा चला। इसके बाद गांव में सन्नाटा पसर गया। आसपास के गांवों से भी बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र होक जट बहादरपुर पहुंचना शुरू हो गए थे। गांव में एंट्री करने के बाद से दूर तक लोगों की भीड़ लग गई थी। ऐसे में यहां से होकर दूसरे गांवों में जाने वाले वाहन सवारों को भी दूसरे रास्तों से भेजा गया।