उत्तराखण्डराष्ट्रीय

वनभूलपुरा अतिक्रमण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई हाईकोर्ट के फैसले पर रोक

ख़बर शेयर करें

देहरादून। वनभूलपुरा रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले और बुलडोजर की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। करीब आधे घंटे चली बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई। साथ ही मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और रेलवे को भी नोटिस भी जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी। वनभूलपुरा रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद स्थानीय लोगों में खुशी की लहर है। स्थानीय लोगों ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा किया है।
लोगों का कहना है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से काफी उम्मीदें थी। सुप्रीम कोर्ट ने मानवता को देखते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई है। उन्होंने कहा ये फैसला वनभूलपुरा की आम जनता की जीत है। उन्होंने कहा अपनी जीत के लिए पिछले कई दिनों से वे ऊपर वाले से दुआ कर रहे थे। आज उनकी दुआ काम आई है। सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद लोगों ने एक दूसरे को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ मिला है। उन्होंने कहा इसकी लड़ाई आगे भी लड़ी जानी है।
लोगों ने कहा जो लोग सुप्रीम कोर्ट में आम जनता के लिए पैरवी कर रहे हैं वो यहां के लोगों के लिए मसीहा हैं। उन्होंने कहा अगर सुप्रीम कोर्ट से फैसला उनके पक्ष में नहीं आता तो यहां के हजारों लोगों के आशियाने उजड़ जाते। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को स्वागत करना चाहिए।
बता दें सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जे कौल ने कहा हमें इस मामले का एक व्यावहारिक समाधान खोजना होगा। इस मामले में कई कोण हैं, भूमि की प्रकृति, प्रदत्त अधिकारों की प्रकृति इन पर विचार करना होगा। हमने यह कहकर शुरू किया कि हम आपकी ज़रूरत को समझते हैं लेकिन उस ज़रूरत को कैसे पूरा करें। इस पर एएसजी ने कहा कि हमने उचित प्रक्रिया का पालन किया है। इस पर न्यायाधीश कौल ने कहा कि कोई उपाय खोजना होगा। एएसजी ने कहा कि हम किसी भी पुनर्वास के आड़े नहीं आ रहे हैं। जे कौल का कहना है कि जो लोग इतने सालों से रुके हुए हैं, उनके लिए कुछ पुनर्वास योजना होनी चाहिए। इस मामले में उन्होंने राज्य सरकार से भी जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रातों-रात 50 हजार लोगों को उजाड़ा नहीं जा सकता, ऐसे लोगों का हटाया जाना चाहिए जिनका भूमि पर कोई अधिकार नहीं है और रेलवे की आवश्यकता को पहचानते हुए उन लोगों के पुनर्वास की आवश्यकता है।

Related Articles

Back to top button