उत्तराखण्ड
पुष्कर के राज में धराशायी हुई चारधाम यात्राः आप
चारधाम यात्रा से नाउम्मीद हुए व्यापारी और यात्री, सरकार की अनदेखी और लापरवाही से बिना दर्शन लौट रहे श्रद्धालु

ख़बर शेयर करें
देहरादून। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने प्रदेश कार्यालय में एक प्रेसवार्ता का आयोजन करते हुए राज्य की धामी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पुष्कर सिंह धामी भी पूर्व मुख्य मंत्रियों टीएसआर 1,टी एसआर 2 की तरह जीरो वर्क सीएम साबित हो रहे हैं। इनके कार्यकाल में चारधाम यात्रा पूरी तरह चौपट हो चुकी है और प्रदेश की आर्थिकी पर इसका गहरा असर पड रहा है। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश मे चल रही चारधाम यात्रा की अव्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि, कोरोना महामारी के चलते दो साल के बाद चारधाम यात्रा शुरू होने से प्रदेश वासियों को एक उम्मीद जगी थी, लेकिन धामी सरकार की लचर व्यवस्थाओं से चारधाम यात्रा पर पूरी तरह पानी फिर गया है।
उन्होंने कहा कि, प्रदेश की आर्थिकी की रीढ माने जाने वाली चारधाम यात्रा को कोर्ट के आदेश के बाद शुरु तो जरुर किया गया, लेकिन भारी अव्यवस्थाओं के चलते सरकारी सिस्टम की पोल खुल चुकी है, कि महज खानापूर्ति के लिए सरकार द्वारा इस चारधाम यात्रा को सुचारु किया गया है। उन्होंने कहा कि लाखों लोगों की रोजी रोटी का जरिया बनी चारधाम यात्रा ,आज सरकारी उदासीनता के कारण अनदेखी का शिकार हो रही है। प्रदेश में देवस्थानम बोर्ड की वेबसाईट पर चारधाम यात्रियों के लिए पंजीकरण खोले गए, लेकिन कई ऐसे लोग हैं जिनके पंजीकरण हो ही नहीं पा रहे हैं ,और जो नियम बने हैं वो इतने जटिल हैं कि इच्छुक यात्रा चारधाम यात्रा पर नहीं आ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लाखों लोग, जिनका रोजगार इस यात्रा से जुड़ा है, खुश थे कि यात्रा खुलने के बाद उनकी दिक्कतें कुछ कम होंगी लेकिन बढती अव्यवस्थाओं के कारण उन्हें निराश होना पड रहा है।
18 सितंबर को चारधाम यात्रा शुरु हुई थी लेकिन महज दो हफ्ते के अंतराल में ही बढती और लचर व्यवस्थाओं ने चारधाम यात्रा की पोल खोल कर रख दी है। उन्होंने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि यदि सरकार आप पार्टी की मदद्द लेना चाहे तो आप पार्टी अपने वॉलेंटियरर्स को चारधाम यात्रा में भेज सकती है ताकि यात्रियों को मदद मिलने के साथ कोई असुविधा ना हो। आप प्रवक्ता ने कहा,चारधाम यात्रा ना केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक है लेकिन सरकारी कुप्रबंधन ने हिंदुओं की आस्था पर गहरी चोट पहुंचाई है। यात्रियों को बिना दर्शन करे ही लौटने को मजबूर होना पड रहा है। इससे बडे शर्म की बात बीजेपी सरकार और उत्तराखंड के लिए कुछ नहीं हो सकती है। एक ओर सरकार दोबारा कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है वहीं पहले से चल रही यात्रा को ही सरकार व्यवस्थित नहीं कर पा रही है।