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भारत में ऊर्जा की मांग में होगी बढ़ोतरी, अपनानी होगी अक्षय ऊर्जा: पीएम

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नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि आने वाले वर्षों में भारत में ऊर्जा की मांग बढ़ेगी। इसलिए ये जरूरी होगा कि हम अक्षय ऊर्जा की ओर बढ़ें। सतत विकास के लिए ऊर्जा पर हुए वेबिनार में उन्‍होंने सोलर एनर्जी का उपयोग बढ़ाने पर बल दिया है। उन्‍होंने कहा कि हर घर को अपना सोलर ट्री विकसित करना चाहिए जो 15 फीसद तक बिजली बचाने में योगदान दे सके। पीएम ने कहा कि यह न केवल अद्वितीय होगा बल्कि पर्यावरण के अनुकूल होगा और देश के भविष्‍य को खुशहाल बनाने में भी सहायक सिद्ध होगा1
इस मौके पर पीएम ने कहा कि ऊर्जा और सतत विकास हमारी पुरातन परंपराओं से प्रेरित है और भविष्य की आवश्यकताओं तथा आकांक्षाओं की पूर्ति का मार्ग है। भारत का स्पष्ट विजन है कि सतत विकास सतत ऊर्जा से ही संभव है। वेबिनार के विषय पर चर्चा करते हुए उन्‍होंने कहा कि आज का विषय सतत विकास के लिए ऊर्जा’ न केवल हमारे पारंपरिक ज्ञान से प्रेरित है बल्कि देश के भविष्य का भी नेतृत्व करेगा। भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट है कि स्थायी ऊर्जा स्रोतों से ही सतत विकास संभव है। पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2030 तक भारत ने अपनी 50 फीसद ऊर्जा गैर-जीवाश्म ईंधन से निकालने का लक्ष्य रखा है। यह हमारे लिए अधिक टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने का अवसर है। हमें हाइड्रोजन इकोसिस्टम के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है जिसमें निजी क्षेत्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्‍होंने केंद्रीय बजट 2022-23 में बैटरी स्वैपिंग नीति की भी इस दौरान बात की। उन्‍होंने कहा कि इस पर विशेष ध्यान दिया गया है जो हमारी ऊर्जा दक्षता क्षमताओं को बढ़ा सकती है। ईवी पारिस्थितिकी तंत्र की दक्षता में सुधार के लिए हमें टिकाऊ और अभिनव व्यापार मॉडल विकसित करना चाहिए। आपको बता दें कि सरकार लगातार अक्षय ऊर्जा की तरफ लोगों का ध्‍यान खींचने का प्रयास कर रही है। इसको देखते हुए सरकार कई योजनाएं भी लाई है।

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