उत्तराखण्ड

संस्कृति विभाग ने हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र में किया पौधारोपण

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देहरादून। उत्तराखंड की संस्कृति एवं पर्यावरण को समर्पित लोक पर्व हरेला के अवसर पर संस्कृति विभाग, उत्तराखंड द्वारा हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र, गढ़ी कैंट, नींबूवाला, देहरादून में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस समारोह की मुख्य अतिथि गीता धामी पत्नी मुख्य मंत्री रही। कार्यक्रम का शुभारंभ गीता धामी, संस्कृति सचिव हरिचंद्र सेमवाल, निदेशक बीना भट्ट द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। हरेला पर्व के अवसर पर संस्कृति विभाग द्वारा 500 से अधिक पेड़ वितरित किए गये तथा गढ़वाली, कुमाऊनी एवं जौनसारी सांस्कृतिक दलों द्वारा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई।
गीता धामी ने संस्कृत विभाग द्वारा आयोजित इस व्रत हरेला पर्व एवं वृक्षारोपण समारोह की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण एवं संवर्धन हम सभी की जिम्मेदारी है जिसे हम मिलजुल कर सार्थक बना सकते हैं । दीप भूमि उत्तराखंड जहां समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जानी जाती है वहीं पर्यावरण के क्षेत्र में भी हमारा महत्वपूर्ण योगदान रहा है जिसे बनाए रखना हम सब का परम कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि एक पेड़ हम जरूर लगाए जिससे प्रकृति के प्रति हमारा प्रेम एवं व्यवहार सदा बना रहे, और यही हमारी पहचान भी है। संस्कृति सचिव हरिश्चंद्र सेमवाल ने कहा कि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं वन संपदा हमारी अमूल धरोहर है जिसे सजोये रखना हम सभी का परम कर्तव्य है। निदेशक संस्कृति बीना भट्ट ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी कलाकारों एवं दर्शकों का धन्यवाद देती हुई अनुरोध किया कि सभी कलाकार एवं कार्यक्रम में उपस्थित सभी महानुभाव एक-एक पेड़ पेड़ जरूर लगाए जिससे हम अपनी भा्वी पीढ़ी को एक अमूल्य सौगात समर्पित कर सकें। इस अवसर पर कुर्मांचल सांस्कृतिक एवं कल्याण परिषद के अध्यक्ष कमल रजवार, महासचिव गोविंद बल्लभ पांडे, सांस्कृतिक सचिव श्रीमती बबिता साह लोहनी, कुर्मांचल परिषद के सभी शाखाओं के अध्यक्ष एवं सचिवों के साथ महिलाओं ने इस समारोह की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम में देश विदेश में अपनी पहचान बना रही कमला देवी द्वारा अपनी लोक गायिका से सभी को मंत्र मुग्ध किया। इस अवसर पर गीता धामी द्वारा कमला देवी को पौधा देकर सम्मानित किया गया। गिरीश सनवाल की टीम द्वारा जी रया जागी रया साथ ही चाचरी की प्रस्तुत से सभी को मंत्र मुग्ध कर किया, गढ़वाल की थड़िया नृत्य की सुंदर प्रस्तुति की टीम द्वारा तथा जौनसार बाबर की मासू देवा की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम का संचालन योगंबर कोहली तथा बबिता साह लोहनी जी किया गया।

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