अपराधउत्तराखण्ड

वाइट काॅलर क्राइम पर दून पुलिस की स्ट्राइक

ख़बर शेयर करें

देहरादून। साथियों के साथ मिलकर माजरा स्थित रक्षा मत्रांलय की भूमि तथा क्लेमेन्टाउन स्थित भूमि के फर्जी विलेख पत्र बनाकर बेचने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया।
फर्जी रजिस्ट्री प्रकरण में एसआईटी की जा रही जांच में अब तक 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है तथा गिरफ्तार आरोपियो से पूछताछ में अन्य व्यक्तियों के नाम भी प्रकरण में प्रकाश में आये हैं, जिनके सम्बन्ध में एसआईटी लगातार गहन विवेचना कर साक्ष्य संकलन की कार्रवाई की जा रही है। सहायक महानिरीक्षक निबन्धन संदीप श्रीवास्तव ने टर्नर रोड से सुभाष नगर चैक के मध्य क्लेमनटाउन में लगभग 2500 गज भूमि तथा लगभग 55 बीघा जमीन ग्राम माजरा के फर्जी विलेख पत्र के सम्बन्ध में कोतवाली नगर देहरादून में मुकदमा कराया गया है। फर्जी प्रकरण में बिजनौर निवासी हुमायूँ परवेज का नाम प्रकाश में आने पर एसआईटी ने आरोपी के विरूद्ध साक्ष्य संकलन की कार्रवाई करते हुए आरोपी हुमायूँ परवेज को गुरूवार को गिरफ्तार किया। विवेचना यह तथ्य प्रकाश में आये कि मौहम्मद हुमायू परवेज पुत्र जलीलू रहमान निवासी 24 मौहल्ला काजी सराय 2, नगीना जिला बिजनौर ने साथी समीर कामयाब व अन्य साथियो की मदद से फर्जी विलेख तैयार कर देव कुमार निवासी सहारनपुर की मदद से रिकार्ड रुम रजिस्ट्रार कार्यालय में वर्ष 2016-17 में जिल्द में लगवा दिया था, जिसमें टर्नर रोड से सुभाष नगर चैक के मध्य क्लेमनटाउन स्थित जमीन का अल्लादिया से 1944 में जलीलू रहमान व अब्दुल करीम को फर्जी बैनामा बनाकर मालिक दर्शाया गया तथा 2019 से 2020 के बीच हुमायू परवेज ने वसीयत के आधार पर 11 व्यक्तियों को जमीन की रजिस्ट्रिया कर दी गयी, जिसमें उसने लगभग 3 करोड रुपये जे. एण्ड के. बैंक सहारनपुर के खाते में प्राप्त किये गये।
ग्राम माजरा की जमीन के असली मालिक लाला सरनीमल व मनीराम से फर्जी बैनामा 1958 का बनाकर जलीलू रहमान व अर्जुन प्रसाद को मालिक दर्शाया गया तथा सीमांकन के लिए प्रार्थना पत्र एसडीएम कार्यालय व उच्च न्यायालय उत्तरखण्ड को प्रेषित कर आदेश करवाये गये परन्तु ग्राम माजरा स्थित लगभग 55 बीघा जमीन वर्ष 1958 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने रक्षा मंत्रालय के नाम कर दी गयी थी, जो आज भी रक्षा मंत्रालय के कब्जे में है, जिस कारण सीमांकन की कार्रवाई को खारिज किया गया था।

Related Articles

Back to top button