चारधाम यात्रा के प्रवेश स्थल ऋषिकेश में लगने वाले जाम से मिलेगी निजात
देहरादून। राजधानी दून में आउटर रिंग रोड की तस्वीर साफ हो जाने के बाद अब बाहरी क्षेत्रों में भी यातायात सुधार की दिशा में सरकारी मशीनरी तेजी से आगे बढ़ रही है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की 12 किमी एलिवेटेड रोड की तरह ही एक और एलिवेटेड रोड का निर्माण प्रस्तावित है। सड़क परियोजना चारधाम यात्रा के प्रवेश स्थल ऋषिकेश क्षेत्र में नेपाली फार्म से ढालवाला के बीच बनेगी इससे चारधाम यात्रा के दौरान ऋषिकेश क्षेत्र में लगने वाले भारी जाम से भी निजात मिल सकेगी। परियोजना के निर्माण की दिशा में राजमार्ग खंड को बड़ी सफलता भी मिल गई है। इसकी डीपीआर को विभागीय मुख्यालय से सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारी कार्यालय को भेज दिया गया है।
एलिवेटेड रोड का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग खंड डोईवाला करेगा। खंड के अधिशासी अभियंता नवनीत पांडे के अनुसार चारधाम यात्रा के दौरान देहरादून और हरिद्वार की तरफ से आने वाले वाहनों के चक्के ऋषिकेश क्षेत्र में जाम हो जाते हैं। स्थानीय और बाहरी क्षेत्रों के वाहनों को जाम से बचाने के लिए ही परियोजना के निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया था। डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) राज्य स्तर से मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय को भेज दिए जाने के बाद परियोजना को शीघ्र स्वीकृति मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
राजमार्ग खंड के अधिशासी अभियंता के अनुसार एलिवेटेड रोड परियोजना का बजट करीब 1485 करोड़ रुपए है। डीपीआर को स्वीकृति मिलते ही निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग खंड डोईवाला के अधिशासी अभियंता नवनीत पांडे ने बताया कि ढालवाला के बाद भी परियोजना को विस्तार दिया जाएगा। ताकि पूरे ऋषिकेश क्षेत्र को चारधाम यात्रा या कांवड़ यात्रा के जाम से निजात दिलाई जा सके। यह तीर्थयात्रियों और स्थानीय नागरिकों दोनों के लिए बेहतर है।
परियोजना का अगला चरण ढालवाला से गुरु होगा और तपोवन के पास गरुड़चट्टी पर समाप्त होगा। इस भाग पर दो टनल का निर्माण भी किया जाना है। परियोजना की कुल लंबाई 07 किलोमीटर होगी। इसकी डीपीआर अभी अंतिम रूप नहीं ले सकी है। चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा या पर्यटन सीजन के दौरान जो वाहन हरिद्वार की तरफ से बदरीनाथ राजमार्ग या गंगोत्री राजमार्ग की तरफ बढ़ेंगे, उन्हें ऋषिकेश के शहरी क्षेत्र में प्रवेश करने की जरूरत नहीं होगी। वह सीधे एलिवेटेड रोड से आगे बढ़ सकेंगे। इससे ऋषिकेश क्षेत्र में वाहनों का का दबाव कम होगा। इसी तरह देहरादून की तरफ से जाने वाले वाहनों को टिहरी की तरफ (गंगोत्री राजमार्ग) बढ़ने पर ऋषिकेश क्षेत्र में जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा। भविष्य में टिहरी झील के पूरी तरह विकसित होने के बाद वाहनों के अतिरिक्त दबाव की दशा में भी परियोजना राहत प्रदान करेगी।