उत्तराखण्ड

तीर्थयात्रा पर बारिश की मार, तीन धामों की यात्रा रोकी

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देहरादून। उत्तराखंड में हो रही लगातार भारी बारिश ने एक बार फिर से राज्य के संवेदनशील पर्वतीय मार्गों की हकीकत उजागर कर दी है। सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने केदारनाथ, बदरीनाथ और गंगोत्री धाम की यात्रा को स्थगित कर दिया है, जबकि यमुनोत्री धाम की ओर सिर्फ छोटे वाहनों को ही अनुमति दी जा रही है।
केदारनाथ यात्रा गुरुवार को मौसम विभाग की जारी रेड अलर्ट के चलते यात्रा रोक दी गई थी। शुक्रवार को भी यात्रा बंद रही। पीपलकोटी के पास बदरीनाथ हाईवे का 30 मीटर हिस्सा भूस्खलन में ध्वस्त हो गया है। करीब 2000 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया गया है। उत्तरकाशी जिले के धराली में आई आपदा के चलते यात्रा पहले से ही बंद है। यमुनोत्री यात्रा में भू-धंसाव के कारण बड़े वाहनों की आवाजाही रोकी गई है। छोटे वाहन फिलहाल जा सकते हैं। फूलों की घाटी में रेड अलर्ट के चलते लगातार दूसरे दिन पर्यटकों के लिए बंद रही। लगभग 300 पर्यटक घांघरियां में फंसे हुए हैं।
बदरीनाथ हाईवे का 30 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया है। पीपलकोटी से करीब 1 किलोमीटर आगे भनेरपाणी क्षेत्र में भारी भूस्खलन के चलते बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह ठप हो गया है। गनीमत रही कि हादसे के वक्त कोई वाहन वहां मौजूद नहीं था। इस कारण कोई जान-माल की हानि नहीं हुई। प्रशासन ने तीर्थयात्रियों के वाहनों को ज्योतिर्मठ, पाखी, हेलंग, पीपलकोटी, चमोली और गौचर जैसे सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया है। चमोली के डीएम संदीप तिवारी और एडीएम विवेक प्रकाश ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।
भूस्खलन क्षेत्र की पहाड़ी अत्यंत अस्थिर है। पोकलेन मशीनें चलाने पर दोबारा भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। ऐसे में मलबा हटाने का कार्य भी अत्यंत सावधानी से किया जा रहा है। फिलहाल राजमार्ग के शुक्रवार को खुलने की संभावना नहीं जताई गई है। उत्तराखंड की चारधाम यात्रा एक बार फिर प्रकृति की मार का सामना कर रही है। राज्य सरकार और प्रशासनिक अमला राहत और बचाव कार्यों में जुटा है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए उठाए गए कदम जरूरी हैं, लेकिन यह घटनाएं फिर एक बार स्थायी समाधान और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत पर सवाल खड़ा करती हैं।

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