उत्तराखण्ड

पौड़ी के नैनीडांडा ब्लॉक में गुलदार का आतंक, शाम ढलते ही घरों में दुबक जात हैं लोग

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पौड़ी। जिले के दूरस्थ क्षेत्र नैनीडांडा में इन दिनों लोग गुलदार  की दहशत की बीच जी रहे हैं। इस ब्लॉक के हर क्षेत्र में गुलदार दिखाई दे रहे हैं। साथ ही गुलदार आये दिन ग्रामीणों के पालतू और दुधारू पशुओं को निवाला बना रहे हैं। इतना ही नहीं गुलदार के भय से लोग शाम ढलते ही अपने घरों में दुबकने को मजबूर हो गए हैं। छोटे बच्चों, खेतों व गौशालाओं आदि में काम करने वाली तथा चारापत्ती आदि के लिए जंगल जाने वाली महिलाओं के लिए गुलदार का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीणों ने वन विभाग से सुरक्षा के लिए ठोस व्यवस्था करने की मांग उठाई है।
नैनीडांडा ब्लॉक के दर्जन भर गांवों में इन दिनों लोग गुलदार के भय से दहशत में हैं। गुलदार के भय से स्कूली बच्चों का पठन पाठन प्रभावित हो रहा है। लोग शाम ढलने से पहले ही अपने घरों में दुबकने को मजबूर हैं। ब्लॉक के नैनीडांडा, खिरैरीखाल, हल्दूखाल, भौन, डडवाड़ी, खिरैरी, चरपाणी, पीपली, मोरगढ़, कुलैंखांद, सल्डमहादेव, शंकरपुर, कसाना, नाला, छोटी दीवा, कोचियार, जड़ाऊखांद आदि क्षेत्रों में गुलदार लोगों के घरों के पास ही आये दिन दिखाई दे रहा है। साथ ही इन क्षेत्रों में गुलदार पालतू व दुधारू पशुओं को निवाला बना रहा है।
ब्लॉक के ज्येष्ठ उप प्रमुख ललित पटवाल ने बताया कि तीन दिन पहले ही पीपली गांव निवासी भूपेंद्र सिंह की पांच बकरियों को गुलदार ने एक साथ मार डाला। ग्राम प्रधान प्रियंका देवी ने बताया कि दो दिन पहले खिरैरी गांव के समीप चरपाणी निवासी धर्मपाल की गाय व एक बछड़े को गुलदार ने निवाला बना दिया। इसकी जानकारी वन विभाग को भी दे दी गई थी। गुलदार के हमलों की इन घटनाओं से लोगों में खासी चिंता है। उधर वन विभाग ने भी क्षेत्र में लोगों को गुलदार को लेकर सचेत रहने की अपील की है। वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग सावधानी से आवागमन करें। क्षेत्रीय वनाधिकारी एमएस रावत का कहना है कि जिन क्षेत्रों से भी इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं, वहां गश्तीदल भेजा जा रहा है। साथ ही पशु क्षति पर नियमानुसार मुआवजा दिया जा रहा है।

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