मां गौरी के कपाट खुलने के साथ ही हुआ केदार यात्रा का आगाज

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा के आधार शिविर गौरीकुण्ड स्थित मां गौरी मंदिर के कपाट विधि विधान से खोल दिये गये हैं। गौरी गांव से मां गौरी की डोली को गौरीकुंड लाया गया, जहां पर पूजा-अर्चना के बाद कपाट खोले गये। अब छः माह तक मां गौरी के दर्शन भक्त यहीं पर कर सकेंगे।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बैसाखी पर्व पर मां गौरी के कपाट विधि-विधान से खोल दिये गये हैं। ग्रीष्मकाल में मां गौरी की पूजा-अर्चना गौरीकुंड स्थित गौरी मंदिर में की जाती है, जबकि शीतकाल में गौरी गांव में की जाती है। गौरी माई मन्दिर गौरीकुंड के मठापति सम्पूर्णानन्द गोस्वामी ने बताया कि बैशाखी पर्व पर गौरी गांव स्थित चंडिका मन्दिर में प्रातःकाल पूजा-अर्चना कर माता की मूर्ति को कंडी में रखकर ढोल नगाड़ों के साथ सम्पूर्ण गांव की उपस्थिति में छः माह के लिए गौरीकुंड स्थित मां गौरी माई के मंदिर के लिए प्रस्थान कराया गया। माता की इस यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण, मन्दिर समिति कर्मचारी एवं दूर-दराज से आए भक्त मौजूद रहे। गांव से प्रस्थान कर मां गौरी माई की डोली गौरीकुंड बाजार होते हुए मन्दिर में पहुंची, जहां पर बड़ी संख्या में भक्त माता के स्वागत में उपस्थित थे। प्रातः आठ बजे गौरी माई मन्दिर में विधि विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ माता की मूर्ति को मन्दिर में रखा गया और माता के कपाट सभी भक्तों के दर्शनार्थ छह माह के लिए खोल दिए गए। आज से गौरी माई की पूजा प्रतिदिन गौरीकुंड स्थित गौरीमाई मन्दिर में होगी। इस अवसर पर कुल पुरोहित कलपेश जमलोकी, पुजारी विजयराम गोस्वामी, मन्दिर समिति प्रबंधक कैलास बगवाड़ी, व्यापार संघ अध्यक्ष रामचंद्र गोस्वामी, अरविंद गोस्वामी, गौरी शंकर गोस्वामी, सुशील गोस्वामी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं भक्त मौजूद रहे।