शहर की सड़कों के किनारे का अतिक्रमण हटाना आज भी चुनौती

देहरादून। शहर की सड़कों के किनारे अतिक्रमण हटाना आज भी चुनौती बना हुआ है। मुख्य चैराहों के पास धडल्ले से लग रही ठेलियों व ऑटों के कारण लोगों को जाम से जूझना पडता है,किन्तु इस मामले मंे पुलिस कोई कार्यवाही करती नही दिख रही है।
शहर के राजपुर रोड,परेड मैदान के आसपास सड़कों के किनारे खड़ी होने वाली ठेलियां हमेशा से जाम का कारण बनी हुई है। जिसके चलते लोगों को जाम की समस्या से जुझना पड़ता है। किन्तु इन ठेलियों के खिलाफ कभी कोई कार्यवाही नही होती देखी गयी।
उल्लेखनीय है कि इन दिनों शहर की यातायात व्यवस्था एक दम से चरमरायी हुई है और प्रत्येक घंटे के बाद किसी न किसी चैराहे पर जाम लगना आम बात हो गयी है। पुलिस अधिकारी इस जाम से जनता को निजात दिलाने के लिए आये दिन प्रयोग करते रहते हैं लेकिन पुलिस अधिकारियों के वह प्रयोग कोढ में खाज का काम करते हैं। जिससे जनता का बुरा हाल हो जाता है। पुलिस अधिकारियों के नित नये प्रयोगों में शहर के सभी चैराहे, तिराहे व विव्रम, सिटी बसें बीच में आती है और इनपर किसी न किसी प्रकार की रोक भी लगायी जाती है लेकिन पुलिस अधिकारियों को इन चैराहों के चारों ओर लगने वाली ठेलियां क्यों नहीं दिखायी देती यहां अपने आप में बडा सवाल खडा हो जाता है। शहर के मुख्य चैराहों के आसपास लगी ठेलियां पुलिस अधिकारियों को मुंह चिढाती दिखायी देती है और उनको मजबूर होकर इन ठेलियों को नजरअंदाज करना पडता है।
मुख्य चैराहों चाहे वह ओरियन्ट चैक हो या फिर कनक चैक, लैसडाउन चैक, तहसील चैक आदि यहां पर खुलेआम लगी ठेलियां जाम को न्यौता देती दिखायी देती है लेकिन इन पर कार्यवाही करने के लिए पुलिस तो पुलिस नगर निगम प्रशासन भी मौन साधे हुए है। इसका कारण किसी के पास नहीं है कि यह किसी शह पर हो रहा है जिसके कारण पुलिस प्रशासन व निगम को अपनी आंखे मूंदने पर विवश किया हुआ है। यहां यह नहीं कि एक आधी कोई ठेली खडी है और कुछ देर बाद वह वहां से चली जाती होगी ऐसा नहीं है यह ठेलियां सुबह आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक खडी होती है और वह धडल्ले से वहां पर खडे होकर पुलिस को मुंह चिढाते है लेकिन किसी की हिम्मत नहीं होती कि उनके खिलाफ कोई कार्यवाही कर सके। जबकि ओरियंट चैराहा तो मुख्य केन्द्र है और यहां पर पुलिस अधिकारियों को आये दिन धरने प्रदर्शनों के कारण जमा होना पडता है उसके बावजूद उनको इन ठेलियों को नजरअंदाज क्यों करना पड़ता है।