उत्तराखण्ड

वन क्षेत्र अधिकारी समेत दो वन दरोगा और तीन वन रक्षक निलंबित

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देहरादून। उत्तराखंड के पुरोला और चकराता में पेड़ों के अवैध कटान के मामले ने महकमे को हिलाकर रख दिया है। पहले पुरोला के टोंस वन प्रभाग में प्राथमिक जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद स्थानीय डीएफओए प्रभारी एसडीओ और तीन रेंजर निलंबित हो चुके हैं। अब चकराता के कनासर क्षेत्र में अवैध पेड़ कटान को लेकर प्राथमिक जांच रिपोर्ट वन मुख्यालय को भेज दी गई है। इसके बाद वन क्षेत्र अधिकारी समेत दो वन दरोगा और तीन वन रक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले पुरोला के टोंस वन प्रभाग में भी ऐसे ही मामले को लेकर कार्रवाई की गई थी। अब वन विभाग ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की तैयारी कर रहा है। चकराता में देवदार और कैल के पेड़ बड़ी संख्या में अवैध रूप से काटे गए थे। इसके बाद स्थानीय डीएफओ के स्तर से इसकी जांच की गई थी। जिसमें वन क्षेत्राधिकार महेंद्र सिंह गुसाईं को बागेश्वर में अटैच किया गया है। वन दरोगा प्रमोद कुमार और आशीष चंद्र के साथ ही वनरक्षक मदन सिंहए भगत सिंह और शिवम गौतम निलंबित हुए हैं। पुरोला के टोंस वन प्रभाग में कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए दो डिप्टी रेंजर ज्ञानेंद्र जुवांठा और प्रीतम तोमर को निलंबित किया गया है। इसी तरह वन दरोगा लखीरामए भगत सिंह और विजयपाल को भी निलंबित किया गया है। इससे पहले पुरोला में पेड़ों के अवैध कटान को लेकर डीएफओ सुमित समेत तीन रेंजर पर कार्रवाई की गई थी। वहींए उत्तराखंड वन विभाग के पीसीसीएफ हॉफ अनूप मलिक ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जा रही है और इस मामले में विभाग क्षेत्रीय ठेकेदारों पर भी मुकदमा दर्ज करवाएंगे। उन्होंने बताया कि वन विकास निगम की तरफ से भी डीएलएम समेत कुल आठ लोगों पर कार्रवाई हुई थी।

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