देहरादून में प्रयागराज महाकुंभ के रोड शो में शामिल हुई यूपी की मंत्री बेबी रानी मौर्य और बृजेश सिंह
देहरादून। योगी सरकार महाकुंभ-2025 को भारतीय संस्कृति और एकता का वैश्विक प्रतीक बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश की महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य ने देहरादून में एक भव्य रोडशो का नेतृत्व किया। उन्होंने महाकुंभ के आयोजन को भारत की विविधता में एकता का अद्वितीय उत्सव बताते हुए उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा वहां की सम्मानित जनता को प्रयागराज महाकुंभ-2025 में आने का आमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि यह सरकार महाकुंभ में अंतरराष्ट्रीय सहभागिता और अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ इसे ऐतिहासिक बनाने की दिशा में अहम कदम उठा रही है। पत्रकारों को संबोधित करते हुए महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा कि महाकुंभ, भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक चेतना का स्पंदन है। ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत-समावेशी भारत’ की दिव्य और जीवंत झांकी है।
पत्रकार वार्ता के दौरान महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा कि आप सबमें बहुत से ऐसे लोग होंगे, जिनके पास प्रयागराज कुम्भ-2019 का श्दिव्य एवं भव्यश् अनुभव होगा, भारतीय सांस्कृतिक गौरव के रूप में जिसकी अविस्मरणीय छवि विश्व पटल पर अंकित हुई थी। यही नहीं, मेले के कुशल प्रबन्धन को भी पूरी दुनिया ने मुक्त कंठ से सराहा था। उन्होंने कहा कि इस बार आयोजित हो रहा महाकुंभ पिछले कुंभ से और अधिक दिव्य एवं भव्य होगा। प्रयागराज महाकुंभ-2025 में 45 करोड़ तीर्थयात्रियों, साधु, संतों, कल्पवासियों एवं पर्यटकों के आने की संभावना है। इसके दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार ने समयबद्ध ढंग से समुचित प्रबंध कर लिया है। बेबी रानी मौर्य ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक माँ गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन संगम तट पर प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर महाकुंभ 12 वर्ष के अंतराल पर एक बार फिर प्रयाग की पुण्य धरा पर आयोजित हो रहा है। यह स्वच्छ, स्वस्थ्य, सुरक्षित एवं हरित महाकुम्भ है। यह स्वच्छ, स्वस्थ्य, सुरक्षित एवं डिजिटल महाकुंभ है। मेला को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ का संकल्प लिया गया है। इस अभियान के तहत मेला क्षेत्र में विभिन्न दोना-पत्तल विक्रेताओं की दुकानों का आवंटन, 400-स्कूल के प्रधानाचार्य के साथ स्वच्छता पर बैठक, 4 लाख बच्चों और प्रयागराज की जनसंख्या के 5 गुना नागरिकों तक स्वच्छ महाकुम्भ की पहल को पहुंचाया जा रहा है। साथ ही हर घर दस्तक अभियान के अंतर्गत सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त का संदेश घर-घर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ-2025 को हरियाली से भरा बनाने के लिए क्लीन के साथ-साथ ग्रीन कुंभ पर विशेष ध्यान दिया गया है। पूरे प्रयागराज में करीब तीन लाख पौधों का रोपण भी किया गया है। मेले के खत्म हो जाने के बाद पौधों को संरक्षण खुद उत्तर प्रदेश सरकार करेगी। पर्यटकों को वहां पार्किंग की समस्या से न जूझना पड़े इसकी भी व्यवस्था है। इसके दृष्टिगत 101 स्मार्ट पार्किंग बनाए गए हैं, जिनमें प्रतिदिन पांच लाख वाहन पार्क किए जा सकेंगे। 1867.04 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला पार्किंग स्थल 2019 के 1103.29 हेक्टेयर के सापेक्ष 763.75 हेक्टेयर बड़ा है। इन पार्किंग स्थल की निगरानी इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर के माध्यम से की जाएगी। शुद्ध पेयजल, इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर, रिवर फ्रंट समेत 44 घाटों पर पुष्प वर्षा की भी है व्यवस्था पत्रकार वार्ता में महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि महाकुंभ नगरी में 35 पुराने और 9 नए पक्के घाट बनाए गए हैं, जो श्रद्धालुओं के स्नान में काफी सहायक साबित होंगे। 12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले सभी 44 घाटों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुंबई की मरीन ड्राइव की तर्ज पर गंगा किनारे लगभग 15.25 किलोमीटर क्षेत्र में संगम से नागवासुकी मंदिर तक, सूरदास से छतनाग तक, कर्जन ब्रिज के समीप से महावीर पुरी तक रिवर फ्रंट का निर्माण कराया गया है। इसके अलावा इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर को अपग्रेड किया गया है। इससे भीड़ प्रबंधन में सहायता मिलेगी।