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Uttarakhand : मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना लॉन्च, लौटे प्रवासी युवाओं का पलायन रोकना चाहती है सरकार

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देहरादून. उत्तराखंड (Uttarkhand) में 4 लाख के आसपास प्रवासी (Migrant) दूसरे राज्यों से लौटे हैं. दूसरे राज्यों में इन प्रवासियों को कोरोना (Coronavirus) ने इतना परेशान कर दिया कि कुछ प्राइवेट नौकरी, तो कुछ जमा-जमाया काम छोड़कर वापस उत्तराखंड लौट आए. अब इन्हीं घर लौटे प्रवासियों को उत्तराखंड सरकार (Uttarkhand Government) उम्मीद भरी नजर से देख रही है. सरकार चाहती है कि मजबूरी में वापस आए ये लोग उत्तराखंड में ही अपना रोजगार (Job) करें, ताकि इनका जीवनयापन भी हो सके और पलायन की मार झेल रहे पहाड़ी जिलों में लोग बने रहें.

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना लॉन्च

सरकार ने इसके लिए बाकायदा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना लॉन्च की है. इस योजना में 10 लाख और 25 लाख तक के लोन सब्सिडी के साथ मिलेंगे. सीएम त्रिवेंद्र रावत (CM Trivendra Singh Rawat) खुद इस प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. कहीं फंड कोई मुश्किल न बने, इसके लिए सभी जिलों के डीएम को कुल 110 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं. वहीं सीएम ने कहा है कि जहां नेट कनेक्टिविटी की परेशानी हो, वहां एप्लिकेशन ऑफलाइन भी भरने की व्यवस्था की जाए.

हर जिले में होंगे 2 सीएम फेलो अपॉइंट

इसी प्लान को अंजाम देने के लिए और प्रवासियों तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए सरकार हर जिले में 2 सीएम फेलो अपॉइंट करेगी. यानि 13 जिलों के लिए 26 सीएम फेलो. इनमें हर एक सीएम फेलो का काम स्वरोजगार स्कीम की सही जानकारी देना और जरूरतमंदों के सवालों के जवाब देने के साथ कन्फ्यूजन दूर करना होगा. जिलों में सीएम फेलो भेजने से पहले सरकार बाकायदा उन्हें ट्रेनिंग देगी. ताकि बातचीत और सवाल-जवाब में कोई दिक्कत न हो.

ऐसे कामयाब होगा प्रयोग

बीते 20 बरस में उत्तराखड में युवाओं के लिए रोजगार के नाम पर कई स्कीम बनी. लेकिन तकरीबन हर स्कीम सफल होने से पहले ही सवालों में घिर गई. जिसका नतीजा यह रहा कि स्वरोजगार से ज्यादा युवाओं ने गांव छोड़कर शहर की सस्ती नौकरी पसंद की. पहाड़ों के गांव खाली होते चले गए. ऐसे में सीएम त्रिवेंद्र रावत को इस पहल को कामयाब बनाने के लिए मशीनरी को एक्टिव करना होगा. तभी ये प्रयोग कामयाब हो सकता है.

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