उत्तराखण्ड

अन्नदाता बोले- ‘समय कम है पर धामी में दम है’

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देहरादून। देवभूमि के अन्नदाता भला क्यों खुश नहीं होंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किसानों के हक में कई ऐसे फैसले लिए हैं जो पूर्व की सरकारों ने कभी नहीं लिये। गन्ना मूल्य में की गई ऐतिहासिक वृद्धि का फैसला उनमें प्रमुख है। हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गन्ने का मूल्य 28 रुपया प्रति कुंतल बढ़ाया है, जो राज्य में अब तक का रिकॉर्ड है। इतना ही नहीं, किसानों को ‘मृदा कार्ड’ और ‘किसान सम्मान निधि’ बांटने में भी उत्तराखण्ड देश के टॉप राज्यों में सुमार है।
उत्तराखण्ड में मौजूदा समय में गन्ना किसानों की संख्या 223897 है जो कुल 270579.722 हेक्टेयर भूमि पर गन्ने की खेती कर रहे हैं। पृथक उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद गन्ने के की खेती में कमी देखने को मिली है। दरअसल, राज्य बनने पर कृषि भूमि का उपयोग आवास निर्माण में हो रहा है जिससे गन्ना खेती का रकवा घटता जा रहा है। जबकि दूसरी ओर, परिवारों में बंटवारा होने के कारण किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है। कुल मिलाकर गन्ना खेती को प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है, जिसे धामी सरकार बखूबी समझ रही है। चूंकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विधानसभा खटीमा कुमाऊं मंडल के तराई क्षेत्र (जहां गन्ने की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है) में स्थित है, लिहाजा वह गन्ना किसानों की समस्याओं को भलीभांति जानते हैं। यही वजह है कि उन्होंने एक झटके में गन्ने का मूल्य 28 रुपया प्रति कुंतल बढ़ा दिया। जबकि पिछले पांच साल में राज्य में इसमें सिर्फ नौ रुपये प्रति कुंतल का इजाफा हुआ था। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2016-17 में गन्ना मूल्य 317 रुपए (अगेती प्रजाति) और 307 रुपये (सामान्य प्रजाति) प्रति कुंतल था। इसके बाद भाजपा सत्ता में आई तो वर्ष 2017-18 में यह क्रमशः 326 और 316 कर दिया गया था। उसके बाद से गन्ने की कीमत एक रुपये भी नहीं बढ़ी। अब तीन साल बाद धामी सरकार ने गन्ना मूल्य बढ़ाकर 355 रुपए (अगेती प्रजाति) और 345 रुपये (सामान्य प्रजाति) प्रति कुंतल कर दिया है। लगे हाथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सितारगंज में पिछले कुछ सालों से बंद पड़ी ‘किसान सहकारी चीनी मिल’ भी पुनः शुरू करवा दी, जिससे क्षेत्र के हजारों किसानों को फायदा मिलेगा। किसानों को सीधा लाभ मिले इसके लिए उन्होंने चीनी मिल तक गन्ना पहुंचाने के लिए तय भाड़ा मूल्य को 11 रुपया प्रति कुंतल से घटाकर 9.5 रुपया प्रति कुंतल कर दिया। गन्ने से हटकर बात करें तो किसानों की आय बढ़ाने को लेकर भी उत्तराखण्ड में प्रभावी कदम उठाए गए हैं। राज्य के 8.82 किसानों को ‘मृदा कार्ड’ और 9 लाख से अधिक किसानों को तकरीबन 1300 करोड़ की धनराशि ‘किसान सम्मान निधि’ के रूप में प्रदान की जा चुकी है। ‘दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना’ के तहत सहकारिता के जरिए धामी सरकार किसानों को 3 लाख रुपए तक का ब्याज रहित ऋण भी मुहैया करवा रही है। अन्य कई सुविधाएं और रियायतें भी किसानों को दी जा रही हैं।

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