देहरादून। खबर पुरानी है पर जिक्र ताज़ा है। हाल ही में तकरीबन पांच साल बाद औली जाना हुआ। जाना, अचानक हुआ क्योंकि बदरीनाथ धाम के दर्शन करके लौटते वक्त जोशीमठ में मालूम हुआ कि पीपलकोटी के पास हाईवे अवरुद्ध है तो संगी साथियों की राय पर रुख औली की तरफ कर लिया गया। देश और दुनिया में औली की पहचान प्रसिद्ध स्कीं रिजोर्ट के रूप में है। औली को मैं इसलिए बेहद करीब से जानता हूं क्योंकि वर्ष 2011 में हुए सैफ विंटर गेम्स के दौरान मैंने कवरेज के लिए लगभग एक सप्ताह तक औली में ही रहा था। चूंकि गृह जनपद चमोली है लिहाजा बचपन से भी अक्सर औली जाना लगा रहता है।
अब असली मुद्दे पर आते हैं। औली में मौजूद कारोड़ों की सरकारी सम्पत्ति (जीएमवीएन के गेस्ट हाउस, स्नो मेकिंग सिस्टम, झील और अन्य खेल उपकरण) किस तरह देखरेख और मरम्मत के अभाव में जाया हो रहे हैं, इस पर मैं और तमाम पत्रकार साथी कई बार लिख चुके हैं, फिर भी सरकार के कानों में जूं नहीं रेंगती। अब लगाता है कि इन मुद्दों पर रोना-धोना करके कोई फायदा नहीं। नकारात्मक खबरों से हट कर शुकून देने वाली एक बात इस बार मुझे औली में नजर आई। वो ये थी कि लगभग तीन सितारा स्तर की सुविधाओं से लैस 21 कमरों का एक होटल (क्लिफ टॉप क्लब का विवादित हिस्सा) मुफ्त में सरकार के हाथ लग गया। धन-दौलत और सियासी रसूख वाले व्यक्तियों के कब्जे से करोड़ों की इस सम्पत्ति को हटाना आसान काम नहीं था। लेकिन अगर अधिकारी ईमानदार हों और इच्छाशक्ति के धनी हों तो सरकार की एक इंच जमीन पर कोई बड़ा से बड़ा आदमी भी कब्जा नहीं कर सकता। दरअसल, औली में बर्फीली ढलानों में बने होटेल क्लिफ टॉप क्लब को लेकर जिला मजिस्ट्रेट चमोली के न्यायालय में मामला विचाराधीन था। इस होटल के निर्माण के लिए उपयोग में लाई गई 31 नाली भूमि 19 मार्च 1976 में इंद्र सिंह को लीज पर कृषि उपयोग के लिए दी गई थी। 11 अक्टूबर 1996 में इंद्र सिंह के बेटे विजयपाल और पौत्र अरुण पाल ने औली के खसरा नंबर 18 में दर्ज इस भूमि को स्की ऐंड स्नो रामनगर के मालिक अतुल शर्मा को 99 वर्ष के लिए लीज में दी। इसके लिए सरकार से अनुमति नहीं ली गई। साल 2010 में तत्कालीन जोशीमठ के एसडीएम ने लीज शर्तों के खिलाफ होटेल निर्माण को लेकर जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजी थी। जिलाधिकारी ने भी निरस्तारीकरण की संस्तुति देकर गढ़वाल कमिश्नर को फाइल भेजी थी जिस पर कमिश्नर ने डीएम को मामले में आगे की कार्रवाई के निर्देश दिए। 20 सितंबर को जिला मजिस्ट्रेट आशीष जोशी ने फैसले में क्लिफ टॉप क्लब की 31 नाली भूमि का पट्टा निरस्त कर भूमि को सरकार में निहित करने के आदेश जारी कर दिए। जिला मजिस्ट्रेट के निर्णय के बाद तहसील प्रशासन ने इसे सील करने की कार्रवाई की। इसके बाद, 20 सितंबर 2017 को चमोली जिले के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट आशीष जोशी की अदालत ने लीज अनुबंध के उल्लंघन के मामले में औली में स्थित होटल क्लिफ टॉप को राज्य संपत्ति में शामिल करने के आदेश दिए थे। आदेश के बाद जोशीमठ तहसील प्रशासन ने होटल के 21 कमरों को सीज कर दिया था। तब से होटल बंद पड़ा हुआ था। 18 से 22 जून 2019 तक औली में हुई गुप्ता बंधुओं अजय गुप्ता और अतुल गुप्ता के बेटों की शादी के लिए इस होटल के सीज कमरों को खोला गया। इसके बाद जिला प्रशासन ने क्लब के सीज हिस्से के संचालन का जिम्मा जीएमवीएन को सौंप दिया। इस पूरे प्रकरण में जोशीमठ की तत्कालीन एसडीएम निधि यादव, तत्कालीन जिलाधिकारी चमोली आशीष जोशी और वर्तमान जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया की भूमिका अहम रही। सरकार के हाथ लगा 21 कमरों का यह तीन मंजिला आलीशान होटल करोड़ों का है। देखते हैं सरकार इसका रखरखाव और उपयोग किस तरह करती है। अगर योजनाबद्ध तरीके से इसका व्यावसायिक इस्तेमाल किया गया तो तकरीबन 10,500 फीट की ऊंचाई पर बना यह होटल सरकार के लिए किसी ‘कामधेनु’ से कम साबित नहीं होगा।
—Uttarakhand government found a gift of carores in Auli