देहरादून। प्रदेश को कोरोना के भंवर से बाहर निकालने की जद्दोजहद के साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सुपरएक्टिव मोड में आ गए हैं। उन्हें भान है कि ‘मिशन 2022’ नजदीक आ चुक है ऐसे में सिर्फ कोरोना पर ही फोकस नहीं किया जाना चाहिए बल्कि विकास के पहिये को भी आगे बढ़ाने के साथ-साथ सरकारी मशीनरी को चुस्त करना होगा। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के पेंच कसने शुरू कर दिए हैं। जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद कायम रखने सिलसिला भी शुरू कर दिया है।
उत्तराखण्ड में वर्ष 2022 के शुरूआत में आम विधानसभा चुनाव होने हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के सामने चुनौती है कि वह किस तरह इन चुनावों में राज्य में भाजपा की सत्ता बचा कर रखें। महज दो वर्ष का कार्यकाल शेष होने की वजह से त्रिवेन्द्र के पास समय कम है। काम ज्यादा है। बचा समय बेहद महत्वपूर्ण है। इस दौरान उन्हें कोरोना से जूझते हुए जनता की उम्मीदों पर भी खरा उतरना होगा। यही वजह है कि उन्होंने हाल ही में खुद की सक्रियता बढ़ा दी है। फ्रंट फुट पर आकर वह अपनी गतिविधियों को विस्त्जर दे रहे हैं। प्रत्येक शनिवार को सुबह 10 से 12 बजे तक वह वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलाधिकारियों से सम्पर्क कर रहे हैं। इस अवधि में सूचे प्रदेश की मशीनरी एलर्ट पर रहती है। सभी 13 जिलों के डीएम को सख्त हिदायत दी गई है कि शनिवार को वह हर हाल में मुख्यमंत्री की वीडियो कॉफ्रेंसिंग में मौजूद रहें। जिलाधिकारियों को छूट दी गई है कि वे अपनी बात और समस्याओं को खुलकर मुख्यमंत्री के सामने रख सकते हैं। विकास कार्यों की प्रगति के बारे में मुख्यमंत्री जिलेवार खुद को अपडेट कर रहे हैं। अधिकारियों को निर्देश हैं कि निर्माण कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं को धरातल में उतारने में किसी भी प्रकार की हीलाहवाली न की जाए। इसके अलावा मुख्यमंत्री एक के बाद एक प्रेस कॉफ्रेंस के जरिए मीडिया कर्मियों से भी संवाद कायम रखे हुए हैं। पिछले पांच दिनों के दौरान उन्होंने देहरादून में दो बार प्रेस कॉफ्रेंस कीं और बताया कि केन्द्र के साथ समन्यव करते हुए किसी तरह राज्य के विकास को आगे बढ़ा रहे हैं। इस दौरान दो साल के भीतर राज्य प्रत्येक गांव को इण्टरनेट से जोड़ने की 2000 करोड़ की योजना को उन्होंने एक बड़ी उपलब्धि बताया। विस्तार से यह भी बताया कि कारोना काल में घर वापसी करने वाले उत्त्राखण्डियों को घर पर ही रोकने और उनके स्वरोजगार के लिए सरकार क्या प्रयास कर रही है। इस संदर्भ में उन्होंने ‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’ को महत्वपूर्ण करार दिया। अब सोमवार को मुख्यमंत्री ‘ई-संवाद’ के जरिए प्रदेशभर के त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श करेंगे कि किस तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘आत्मनिर्भर भारत’ की पहल को उत्तराखण्ड में साकार किया जा सकता है।
— uttarakhand chief minister trivender singh rawat in super active mode