उत्तराखण्ड

राज्यपाल ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की पुस्तक ‘राष्ट्रीय एकता और हिंदी भाषा’ का किया विमोचन

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देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को राजभवन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘राष्ट्रीय एकता और हिंदी भाषा’’ का विमोचन किया। इस अवसर पर वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) द्वारा विकसित ‘‘उत्तराखंड यूनिवर्सिटी कनेक्ट’’ डैशबोर्ड का भी राज्यपाल ने लोकार्पण किया। वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) ने पूर्व में यूनिवर्सिटी कनेक्ट मोबाइल एप विकसित किया था, जिसे अब डेस्कटॉप और मोबाइल एप दोनों के लिए अपग्रेड किया गया है। इस एप से विश्वविद्यालयों में चलाये जा रहे पाठ्यक्रम, संकाय, प्रवेश, नामांकन, बजट, शिक्षक, कर्मचारी, छात्र, एमओयू, उपलब्धियां, प्रशिक्षण और प्लेसमेंट, प्रशिक्षण कार्यक्रम, बुनियादी सुविधाएं, आदि के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी संग्रहीत की जायेंगी। कार्यक्रम में राज्यपाल ने यूकॉस्ट द्वारा प्रकाशित कॉफी टेबल ‘‘एडवेंट ऑफ एडवांस्ड एडमिनिस्ट्रेटिव इंटेलिजेंस’’ का विमोचन भी किया।
इस कॉफी टेबल बुक में राजभवन में राज्यपाल के मार्गनिर्देशन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में किए गए अभिनव प्रयासों के बारे में जानकारी उपलब्ध है। राज्यपाल ने राजभवन में एआई और टेक्नोलॉजी से संबंधित कई नवाचार किए गए हैं जिनमें- उत्तराखण्ड कॉलेज एफिलिएशन पोर्टल, यूनिवर्सिटी कनेक्ट और यूनिसंगम मोबाइल एप, राजभवन का एआई ऑटोमेशन सिस्टम, मैत्री चैटबॉट, चारधाम यात्रा डैशबोर्ड, इन्वेंटरी सिस्टम आदि हैं, जिसे कॉफी टेबल में अंकित किया गया है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हिन्दी भारत की आत्मा ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता का प्रतीक भी है। हिंदी आत्मीयता की भाषा के साथ भारतीय संस्कृति को प्रतिबिंबित करती है। उन्होंने पुस्तक के लेखन और हिंदी को देश और विदेशों में प्रचारित करने के लिए डॉ. ‘निशंक’ को बधाई दी। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान समय में तकनीकी और एआई का महत्व अभूतपूर्व रूप से बढ़ गया है। तकनीक ने हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है, चाहे वह शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार या मनोरंजन हो। इसी को मध्यनजर रखते हुए राजभवन में एआई और तकनीकी पर आधारित कई पहल शुरू की गई हैं। उन्होंने यूकॉस्ट को इस कॉफी टेबल बुक बनाने के लिए बधाई दी और कहा कि इससे लोगों की टेक्नोलॉजी के प्रति रूचि बढ़ेगी। राज्यपाल ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के युग में डैशबोर्ड और मोबाइल एप उपयोगकर्ताओं को जानकारी प्रदान करके निर्णय लेने में सुधार और दक्षता बढ़ाकर विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि यूटीयू द्वारा तैयार यह डैशबोर्ड और एप सभी राज्य विश्वविद्यालयों के बारे में जानकारी साझा करने और उनके साथ-साथ राजभवन के बीच संचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘‘निशंक’’ ने कहा कि हिंदी भारत की आत्मा है। हिंदी में ज्ञान, विज्ञान और अनुसंधान समाहित है। उन्होंने कहा कि यह हमें एक सूत्र में पिरोती है। देश की आजादी में हिंदी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। विश्व गुरु बनने का रास्ता हिंदी से होकर ही गुजरता है। इस कार्यक्रम में यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने कॉफी टेबल बुक के बारे में जानकारी दी। कुलपति यूटीयू प्रो. ओंकार सिंह ने डैशबोर्ड के संबंध में अवगत कराया। इस अवसर पर सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, अपर सचिव स्वाति एस भदौरिया, डॉ. योगेन्द्र नाथ ‘‘अरूण’’, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, कुलपति श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय प्रो. एन के जोशी, कुलपति आयुर्वेद विश्वविद्यालय प्रो. अरूण कुमार त्रिपाठी, कुलपति संस्कृत विश्वविद्यालय प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री सहित विभिन्न कॉलेजों के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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