भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान देहरादून में हिंदी कार्यशाला का आयोजन
देहरादून। संस्थान मुख्यालय के सभी वैज्ञानिकों ,अधिकारियों एवं कर्मचारियों को राजभाषा नियमों के बारे मेंजागरूक करने एवं कंप्यूटर पर हिंदी में सरकारी काम-काज करने में उपयोगी हिंदी ई-टूल्स के बारे में जानकारी प्रदान करने लिए को एक पूर्ण दिवसीय हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में ओएनजीसी के पूर्व उपमहाप्रबंधक एवं राजभाषा अधिकारी ज्ञानेंद्र कुमार तथा वन अनुसंधान संस्थान देहरादून के सहायक निदेशक (राजभाषा) शंकर शर्मा प्रमुख प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित थे। यह कार्यशाला दो सत्रों में डॉ. वी.वी. धु्रव नारायण संगोष्ठी कक्ष (सेमीनार हॉल) में आयोजित की गई।
प्रथम सत्र में डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार ने वैश्विक पटल पर हिंदी भाषा की लोकप्रियता, संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी की पहचान ,मैकाले की शिक्षा नीति और उसके प्रभाव, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, राजभाषा अधिनियम 1963, एवं सभी राजभाषा नियमों के बारे में पीपीटी के माध्यम से एक अत्यंत सारगर्भित एवं विस्तृत वक्तव्य प्रस्तुत किया। द्वितीय सत्र प्रयोगात्मक सत्र था जिसमे कंप्यूटर पर हिंदी में काम करने के लिए उपयोगी ई-टूल्स की जानकारी के साथ-साथ उनका प्रयोगात्मक प्रदर्शन भी किया गया द्यइस सत्र में प्रमुख वक्ता शंकर शर्मा ने राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा विकसित कंठस्थ अनुवाद ई-टूल एवं शिक्षा मंत्रालय द्वारा विकसित अनुवादिनी ई- टूल की व्यावहारिक जानकारी सभी प्रतिभागियों को प्रदान की और प्रतिभागियों को वैयक्तिक रूप से इन टूल्स पर अनुवाद का प्रयोग भी कराया द्यइससे प्रतिभागियों में हिंदीई-टूल्स के प्रति रुचि में अत्यधिक वृद्धि हुई। द्वितीय सत्र में ही सभी प्रतिभागियों के लिए एक स्मृति आधारित प्रश्नोत्तरी लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया जिसमें विद्या चानू ने प्रथम स्थान, नेहा डोभाल ने द्वितीय स्थान एवं लता भंवर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इन सभी विजयी प्रतिभागियों को संस्थान के निदेशक डॉ. एम मधु और अतिथि वक्ताओं द्वारा उपहार देकर पुरस्कृत किया गया। कार्यशाला के अंत में अपने अध्यक्षीय संबोधन में निदेशक डॉ. एम मधु ने अतिथि वक्ताओं को उनके ज्ञानवर्धक वक्तव्य और प्रायोगिक मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया और राजकीय काम काज में हिंदी के प्रगामी प्रयोग के लिए ऐसी हिंदी कार्यशालाओं को अत्यंत उपयोगी बताया। इस कार्यशाला का आयोजन राजभाषा अनुभाग द्वारा एवं तकनीकी संयोजन एकेएमयू/पीएमई प्रकोष्ठ द्वारा किया गया।